कानपुर

कानपुर : डूब रही थी अंशिका, बचाने के चक्कर में सभी 6 डूबे, कुछ देर पहले की तस्वीर आई सामने!

Arun Mishra
5 Oct 2022 5:46 AM GMT
कानपुर : डूब रही थी अंशिका, बचाने के चक्कर में सभी 6 डूबे, कुछ देर पहले की तस्वीर  आई सामने!
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इस तस्वीर के खींचने के चंद मिनट बाद एक लड़की डूबने लगी थी, जिसे बचाने के चक्कर में एक के बाद एक 5 और बच्चे डूब गए.

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र में कोठी घाट पर मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। गंगा नहाने के दौरान युवक-युवतियों सहित छह लोग नदी में डूब गए थे. जिनमें से एक की लाश मिल गई है जबकि बाकी बच्चों की तलाश जारी है. बिल्हौर के गंगा घाट पर हुए इस हादसे में बाकी बच्चों की तलाश के लिए बुधवार सुबह से ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और गोताखोरों की टीम सर्च ऑपरेशन चला रही है. अभी तक सफलता नहीं मिली है. इस बीच 6 बच्चों की एक तस्वीर सामने आई है.

बताया जा रहा है कि यह हादसे से चंद मिनट पहले की तस्वीर है.

इस तस्वीर के खींचने के चंद मिनट बाद एक लड़की डूबने लगी थी, जिसे बचाने के चक्कर में एक के बाद एक 5 और बच्चे डूब गए. मंगलवार देर रात तक एक लड़के की लाश बरामद कर ली गई है, जबकि पांच अभी भी लापता हैं. जानकारी के मुताबिक, सौरव कटियार के चाचा की दुकान का उद्घाटन था. इसमें शामिल होने के लिए सब रिश्तेदारों के बच्चे आए थे, जिनमें अनुष्का, तनु, मनु, अंशिका, अभय और सौरभ शामिल थे. सभी ने मंगलवार दोपहर में गंगा में खड़े होकर एक साथ फोटो खिंचाई चाहिए. उनकी फोटो बाहर से गौरी ने खींची थी.

इसी दौरान अंशिका डूबने लगी, जिसको बचाने के लिए सभी छात्र एक-एक करके छलांग लगाते गए और गंगा की लहर में समा गए. खास बात यह है कि सभी आपस में रिश्तेदार थे. घर वालों में कोहराम मचा है. शाम को एसडीआरएफ की टीम आ गई थी, उससे पहले केवल सौरभ की बॉडी बरामद हो पाई थी. बाकी पांचों की तलाश बुधवार सुबह से शुरू हो गई है. पुलिस का कहना है कि बिल्हौर घाट के अलावा आगे के घाटों में भी तलाश की जा रही है, बहाव बहुत तेज है, हो सकता है कि बच्चे बहकर दूर तक चले गए हो.

एसडीआरएफ, पुलिस और गोताखोर फिलहाल बच्चों की खोजबीन में जुटे हैं, आशा है जल्दी ही बरामद हो जाएंगे. उधर एक साथ 6 बच्चों की डूबने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है और लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि कानपुर के गंगा नदी किनारे हर साल इतने लोग डूबते हैं फिर भी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की जाती?

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