कानपुर

कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे, अब हुआ खुलासा

Arun Mishra
11 July 2020 11:48 AM GMT
कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे, अब हुआ खुलासा
x
एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस कई अहम जानकारियां दीं।

कानपुर पुलिस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश पहुंचा था। एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस कई अहम जानकारियां दीं। फरीदाबाद के एक होटल में जब उसे खबर मिली कि पुलिस रेड करने आ रही है तो वह वहां से निकल पड़ा। इसके बाद उसने कार के रास्‍ते दिल्‍ली पार किया, फिर राजस्‍थान के अलवर होते हुए झालावाड़ पहुंच गया। यहां से उसने उज्‍जैन के लिए बस पकड़ी। पुलिस के मुताबिक, विकास के दो साथी उज्‍जैन तक उसके साथ थे जो बाद में गायब हो गए। व‍िकास यह बताने को तैयार नहीं हुआ कि ये दोनों साथी कौन थे। बहरहाल, विकास उज्‍जैन में अपने परिचित के यहां रुका और अगली सुबह जल्‍दी निकल गया।

शहर घूमा, स्‍नान किया तब पहुंचा था महाकाल मंदिर

एक तरफ यूपी पुलिस विकास दुबे को जगह-जगह ढूंढ रही थी, वह मजे से उज्‍जैन शहर घूम रहा था। उसने बंटी नाम के एक ऑटोवाले को साथ लिया और करीब दो घंटे तक शहर घूमा। इसके बाद उसने शिप्रा नदी के राम घाट पर स्‍नान किया। विकास दुबे यहां से सीधे महाकाल मंदिर गया जहां उसने 250 रुपये की पर्ची कटाई। वह सुबह करीब पौने आठ बजे मंदिर पहुंचा था। पहले पूछताछ में उसने अपना नाम शुभम बताया, उसका आईडी भी दूसरे नाम से था। जब सख्‍ती की गई तो उसने असली नाम बताया। फिर कानपुर पुलिस से संपर्क किया गया। अब बंटी ऑटोवाले से पूछताछ चल रही है।

मास्‍क और गमछे से छिपाई सूरत

विकास दुबे का चेहरा नैशनल मीडिया पर छाया हुआ था। ऐसे में उसे खुले में घूमते आसानी से पहचाना जा सकता था। पहचान छिपाने के लिए विकास ने मास्‍क और गमछे का इस्‍तेमाल किया, साथ ही आंखों पर चश्‍मा। वह कंधे पर एक बैग टांगे रखता था। विकास ने रास्‍ते में चुपचाप सफर पूरा किया। किसी से कोई बातचीत नहीं ताकि कोई शक न करे। पूछताछ में विकास ने बताया कि वह मोबाइल नहीं इस्‍तेमाल कर रहा था, इसलिए बस स्‍टैंड या होटल पर खाना खाते टाइम खबर देखता था।

कानपुर लाते समय हुआ विकास दुबे का एनकाउंटर

एसटीएफ अधिकारी विकास को लेकर सड़क के रास्‍ते कानपुर आ रहे थे। पुलिस के मुताबिक, शहर से करीब 17 किलोमीटर पहले शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे अचानक एक गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दुबे था। कई अधिकारी चोटिल हो गए। मौका देखकर विकास दुबे ने एक अधिकारी की पिस्‍टल छीनी और भागने लगा। पीछे आ रही गाड़ी में बैठे पुलिसवालों ने उसका पीछा किया तो विकास गोलियां चलाने लगा। चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें विकास दुबे बुरी तरह घायल हो गया। उसे हैलट अस्‍पताल ले जाया गया जहां डॉक्‍टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्‍टमॉर्टम और जरूरी कानूनी कार्रवाई के बाद शुक्रवार शाम तक उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया गया।



Next Story