
कासगंज : कड़ी सुरक्षा में दलित की घोड़ी पर निकली बारात, छावनी में तब्दील निजामपुर गांव

कासगंज : उत्तरप्रदेश के जनपद कासगंज के निजामपुर गांव में दलित लड़की शीतल की शादी धूमधाम से हुई। यह शादी पहला मौका था जब दलित घोड़ी पर चढ़कर जुलूस के साथ बारात ला रहा था। तकरीबन 6 माह से जारी तनाव के बाद पूरा गांव छावनी में तब्दील है। हालांकि पुलिस का कहना है कि दलित और ठाकुरों के बीच समन्वय स्थापित है। आपको बता दें कि ऊंची जाति के लोगों द्वारा लगातार दलित की शादी में घोड़ी पर बारात और जुलूस को लेकर विरोध किया जा रहा था। हालांकि संजय जाटव धूमधाम से बारात लाने की जिद पर अड़ा था।
इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद डीजीपी ने खुद सुरक्षा का दावा किया था। जिसके बाद शादी में भारी सुरक्षा इंतेजामात देखने को मिल रहे हैं। वहीं मामले पर एडिशनल एसपी पवित्र मोहन त्रिपाठी का कहना है कि सब कुछ नियंत्रण में है। दलितों और ठाकुरों के बीच समझौता हो गया। उनके अनुसार पहले हमारे पास यहां लिमिटेड फोर्स(14) थी। हालांकि अब करीब 50 पुरुष और महिला पुलिस मौजूद है।
Dalit groom takes out wedding procession after 80 years in Kasganj's Nizampur village under police protection. Bride says, 'Upper caste people in the village said that this has never happened & threatened to attack us. We're less scared as we've got police protection.' (15.07.18) pic.twitter.com/9taYsO8O72
— ANI UP (@ANINewsUP) July 15, 2018
दो पुलिस चेक प्वाइंट बनाए गये थे। जहां खाने की व्यवस्था है और दूसरा हाईवे के पास जहां से गांव में घुसने का रास्ता थे। चेक प्वाइंट पर यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी शरारतीतत्व शादी में शामिल न हो सके। वहीं शादी में शराब के नशे और हथियार पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया था।
बताया जा रहा है कि पुलिस की व्यवस्था हाथरस के बाबा गांव में 17 तारीख तक रहेगी जब तक वहां शादी समारोह पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता। वहीं इस शादी से दुल्हन शीतल भी खासा खुश है। शीतल कहती हैं कि वह इसलिए खुश है क्योंकि अब उनका सपना छह माह बाद सच हो रहा है। वहीं मन ही मन उन्हें यह डर भी है कि कहीं दंगे न हो जाए।