कासगंज

कौन है आईपीएस सौरभ दीक्षित जो कासगंज जिले के बने पुलिस कप्तान?

Shiv Kumar Mishra
14 Jan 2023 7:20 AM GMT
कौन है आईपीएस सौरभ दीक्षित जो कासगंज जिले के बने पुलिस कप्तान?
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सौरभ दीक्षित ने प्रयागराज कमिश्नरी में रहते हुए कमिश्नर रमित शर्मा का पूरा विश्वास अपनी कार्य शैली से हासिल कर लिया था।

कासगंज: 2017 बैच के आईपीएस अधिकारी सौरभ दीक्षित को प्रदेश सरकार ने कासगंज जिले का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया है। सौरभ दीक्षित को विदाई देते समय एडीजी प्रयागराज, पुलिस कमिश्नर प्रयागराज, डीआईजी प्रयागराज और डीएम प्रयागराज ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बैज और रेंक लगाई। अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है और अब जिले के कप्तान बनकर पारी खेलेंगे।

कुशीनगर जनपद के रहने वाले सौरभ दीक्षित ने UPSC 2016 एग्जाम में ऑल ओवर इंडि‍या 162th पोजिशन हासिल की है। आइआइटियन सौरभ ने ये एग्जाम फर्स्ट अटेंप्ट में क्लीयर किया है। उनका मकसद समाज की सेवा करना है। और इस सेवा के जज्बे के लिए इन्होंने इसके लिए उन्होंने 50 लाख के अनुअल पैकज के जॉब छोड़कर आईएएस की तैयारी शुरू की थी।

सौरभ दीक्षित के बाबा का पुरुषोत्तम दीक्षित का सपना था कि उनका पोता आईएएस बने। सौरभ दीक्षित शुरू से ही वो टॉपर रहे हैं। हाईस्कूल की शिक्षा गोरखपुर के सेंट पॉल स्कूल जबकि इंटर की शिक्षा लिटिल फ्लावर धर्मपुर से हुई। हाईस्कूल में उनके 92 जबकि इंटरमीडिएट में 95 परसेंट मार्क्स रहे। उन्होंने आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किया। इसके बाद हाउसिंग डॉट कॉम मुंबई में 50 लाख के इयरली पैकेज पर नौकरी की। सिविल सर्विसेज की तैयारी में सर्विस बाधा थी, इसलिए उसे 6 म‍हीने बाद ही 2015 में छोड़ दिया।




कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं सौरभ दीक्षित

सौरभ दीक्षित कुशीनगर जिले के अहिरौली के रहने वाले मनोरंजन कर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद से रिटायर्ड वाचस्पति दीक्षित और स्व शुभा दीक्षित के सबसे छोटे बेटे हैं। उनके बड़े भाई एक मल्टीनेशनल कंपनी दुबई में जीएम हैं, उन्होंने एमबीए किया है। उनकी तीन बड़ी बहनें डॉ नीलम शुक्ला, नीरजा मिश्रा और डॉ माधवी मिश्रा हैं। माधवी के पति डॉ आनंद मिश्र मेडिकल ऑफिसर है। उनके चाचा कमलेश कुमार दीक्षित यूपी के बहराइच और मैनपुरी जिले के एसपी रह चुके हैं। एक अन्य चाचा गंगेश दीक्षित इलाहाबाद में प्रवक्ता हैं।

सौरभ दीक्षित ने प्रयागराज कमिश्नरी में रहते हुए कमिश्नर रमित शर्मा का पूरा विश्वास अपनी कार्य शैली से हासिल कर लिया था। कमिश्नर ने उनको सभी काम करने की खुली छूट दे रखी थी। हालांकि एसे जाबाज ईमानदार अधिकारी सीएम योगी की गुड बुक्स में रहते है। अब उन्हे कासगंज जिले के कप्तान के रूप में पहली पारी खेलने का मौका मिला है।

सौरभ दीक्षित ईमानदारी की जीती जागती प्रतिमूर्ति है। साथ ही काम को लेकर हमेशा बेहद संवेदनशील बने रहते है। अब उन्हे अपनी प्रतिभा निखारने का मौका मिला है जिसमें उन्हे एक कर्मशील अधिकारी बने रहने का अपना शतत प्रयास जारी रखना होगा।

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