कौशाम्बी

सड़क बनाने के नाम पर सिद्धपीठ हनुमान मंदिर को तोड़ने से ग्रामीणों में आक्रोश

Shiv Kumar Mishra
29 Nov 2021 3:26 AM GMT
सड़क बनाने के नाम पर सिद्धपीठ हनुमान मंदिर को तोड़ने से ग्रामीणों में आक्रोश
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मंदिर तोड़कर सड़क बनाए जाने पर पुजारी ने कहा कि यह बात ईश्वर को अच्छी नहीं लगेगी और ईश्वर का चाबुक चला तो सड़क बनाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों का नाश हो जाएगा पूरा वंश

कोखराज कौशांबी राष्ट्रीय राजमार्ग के कोखराज थाना अंतर्गत कशिया पश्चिम गांव मे अनादिकाल से हनुमान जी का सिद्धपीठ मंदिर सड़क किनारे स्थापित है इस मंदिर में दूर दूर के भक्तों की श्रद्धा है और पूजा अर्चन करने भक्त हनुमान मंदिर आते हैं शनिवार मंगलवार को इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है कीर्तन भजन अखंड रामायण पाठ भंडारे का आयोजन इस मंदिर में अक्सर चलता रहता है.


राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन निर्माण के चलते एक बार मंदिर के चबूतरे और आगे के हिस्से को सड़क में शामिल कर लिया गया है दोबारा फिर सिक्स लेन सड़क बनाने के चक्कर में हनुमान जी के प्राचीन सिद्धपीठ मंदिर को जेसीबी मशीन लगाकर सड़क निर्माण के ठेकेदारों द्वारा ध्वस्त कराया जा रहा है इसी मंदिर परिसर में कई साधु संत की समाधि भी बनी है सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार साधु संत के समाधि को भी ध्वस्त कर रहे हैं मंदिर के पुजारी प्रवीण कुमार महाराज ने ठेकेदारों को मंदिर ध्वस्त करने से मना किया जिस पर ठेकेदारों ने पुजारी से अभद्रता की है.


प्राचीन सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर के पुजारी से अभद्रता की जानकारी जैसे ही आसपास के ग्रामीणों और हिंदू संगठनों को हुई मौके पर तमाम ग्रामीण एकत्रित हो गए हैं बताया जाता है कि हनुमान जी का यह सिद्ध पीठ मंदिर 400 वर्ष से अधिक पुराना है मंदिर तोड़कर सिक्सलेन सड़क बनाए जाने से ग्रामीणों के बीच जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है लेकिन फिर भी सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों के कारनामे को प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया है ग्रामीणों का कहना है कि यदि मंदिर तोड़कर सड़क बनाई गई तो यह बात ईश्वर को अच्छी नहीं लगेगी और ईश्वर का चाबुक चला तो सड़क बनाने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों का पूरा वंश नाश हो जाएगा।

मंदिर तोड़े जाने के पूर्व इस मामले की शिकायत मंदिर के पुजारी महंत प्रवीण कुमार ने केंद्रीय मंत्री परिवहन नितिन गडकरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ जिलाधिकारी कौशांबी से कई महीने पूर्व शिकायत कर मंदिर को बचाए जाने की मांग की थी लेकिन उनके तमाम शिकायती प्रार्थना पत्रों के दिए जाने के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी और ठेकेदार हनुमान जी के प्राचीन सिद्ध पीठ मंदिर को तहस-नहस करने में लगे हैं मंदिर तोड़े जाने से विश्व हिंदू परिषद और हिंदू संगठनों में भी जबरदस्त रोष व्याप्त है जिसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को भुगतना पड़ सकता है।

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