कौशाम्बी

2 महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा है सरकारी धान केंद्र से उनकी उपज का मूल्य

Shiv Kumar Mishra
22 Feb 2023 10:36 AM GMT
2 महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा है सरकारी धान केंद्र से उनकी उपज का मूल्य
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95 प्रतिशत किसानों को भुगतान किए जाने का अधिकारियों का दावा निकला झूठा

कौशाम्बी। सरकारी धान खरीद केंद्रों में धान तौल कराने के 72 घंटे के भीतर किसानों को भुगतान किए जाने का योगी सरकार ने निर्देश तो जरूर दिया है लेकिन योगी सरकार का यह निर्देश जिले में हवा हवाई साबित हो रहा है 72 घंटे की बात तो छोड़िए साहब दो 2 महीने बीत जाने के बाद भी किसानों को उनकी उपज का भुगतान धान खरीद केंद्र के प्रभारी से नहीं मिल पा रहा है।

अपनी उपज तौल करने के बाद किसान भुगतान के लिए खरीद केंद्र प्रभारी के आगे पीछे चक्कर लगा रहे हैं लेकिन खरीद केंद्र प्रभारी किसानों से सीधे मुंह बात नहीं कर रहे हैं जिससे किसानों के सामने तमाम समस्याएं उत्पन्न हो गई है विभागीय अधिकारी भी किसानों की इन समस्याओं को सुनने को तैयार नहीं है।

आखिर योगी सरकार के निर्देश के बाद दो 2 महीने तक किसानों की धान उपज का भुगतान खरीद केंद्रों से किसानों को क्यों नहीं किया जा रहा है यह बड़ी जांच का विषय है लेकिन उसके बाद भी विभागीय अधिकारियों से लेकर उच्च अधिकारी धान खरीद केंद्र के केंद्र प्रभारियों की तानाशाही अंधेर गर्दी की जांच कराकर केंद्र प्रभारी को दंडित नहीं कर सके हैं।

इतना ही नहीं जिन किसानों के भुगतान केंद्र प्रभारियों ने नहीं किया है उन किसानों को भी भुगतान कराने के प्रति अधिकारियों ने गंभीरता दिखाते हुए किसानों के उपज का भुगतान कराए जाने की कार्यवाही नहीं की है सूत्रों की माने तो जिन किसानों ने केंद्र प्रभारियों को कमीशन के रूप में मोटी रकम दे दी है उन किसानों को धान खरीद केंद्र से उनकी उपज का भुगतान दे दिया गया है।

लेकिन जिन किसानों ने केंद्र प्रभारियों को कमीशन देने में आनाकानी की है उनकी उपज का भुगतान देने में केंद्र प्रभारी तमाम तरह के ड्रामेबाजी कर रहे हैं पश्चिम शरीरा सहकारी समिति में पीसीएफ का धान खरीद केंद्र खुला है।

पीसीएफ के धान खरीद केंद्र में सुखराज त्रिपाठी पुत्र छोटेलाल त्रिपाठी निवासी कोरीपुर ने 20 दिसंबर को 56 कुंतल से अधिक धान तौल किया था धान तौल किए जाने के बाद 19 दिनों तक धान तौल की उनकी रसीद नहीं दी गई उनका उपज ऑनलाइन नहीं दर्ज किया गया बड़ी मेहनत परेशानी के बाद 7 जनवरी को सुखलाल त्रिपाठी की उपज का ब्यौरा ऑनलाइन दर्ज कर ली गई है।

लेकिन उसके बाद भी डेढ़ महीने बीत चुके हैं सुखलाल त्रिपाठी को उनकी उपज का लाखों रुपए का भुगतान नहीं हो सका है सुख लाल त्रिपाठी जैसे जिले में तमाम किसान पीड़ित हैं इस संबंध में पीसीएफ के जिला प्रबंधक से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन पीसीएफ के जिला प्रबंधक फोन नहीं उठाते हैं जिससे उनसे बात नहीं हो सकी है जब किसानों के भुगतान न किए जाने के बाबत डिप्टी आरएमओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि 95 प्रतिशत किसानों का भुगतान हो चुका है।

सुशील केसरवानी वरिष्ठ पत्रकार

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