कौशाम्बी

गरीबी से तंग अधेड़ ने की आत्महत्या

Shiv Kumar Mishra
14 July 2021 2:17 PM GMT
गरीबी से तंग अधेड़ ने की आत्महत्या
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गरीबी से तंग अधेड़ के आत्महत्या किए जाने के बाद सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेता नहीं पहुंचे उसके घर

कौशाम्बी कोखराज थाना क्षेत्र के कोखराज गांव का एक अधेड़ गरीबी से तंग आ गया और उसने बीती रात आत्महत्या कर लिया है मामले की जानकारी परिजनों को सुबह हुई है मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई है सूचना पाकर घटनास्थल पर पुलिस पहुंची है और अधेड़ की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अधेड़ अपने पीछे 4 बच्चे और पत्नी को छोड़ गया है अब अधेड़ के जाने के बाद आर्थिक तंगी के बीच पत्नी और बच्चों का क्या होगा गरीबों की मदद करने का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार में यह गरीब अपने बच्चों को 2 जून की रोटी का जुगाड़ नहीं कर सका और इसी आर्थिक तंगी के चलते उसने आत्महत्या कर लिया है गरीब के मौत के बाद उसके घर घड़ियाली आंसू बहाने वाले नेता भी नहीं पहुंचे हैं.

जानकारी के मुताबिक कोखराज गांव निवासी रामआसरे सरोज उम्र 45 वर्ष पुत्र दुजई का शव बुधवार की सुबह चुल्ले से लटक रहा था घर वालो ने देखा तो शोर मचाया अधेड़ की आत्महत्या किए जाने की जानकारी मिलने के बाद तमाम ग्रामीणों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गयी आशंका जताई जा रही है कि आर्थिक तंगी से त्रस्त होने के बाद परिवार में खाने-पीने के सामान को लाने को लेकर विवाद होने लगा था आर्थिक तंगी के बीच जब पारिवारिक विवाद बढ़ा तो रामआसरे ने आत्महत्या का कदम उठा लिया हैं सूचना पाकर मौके पर पहुंची कोखराज पुलिस ने शव को फाँसी के फंदे से नीचे उतरवा कर पूछताछ सुरु कर दिया है।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतक के चार बच्चो में दो लड़की व दो लड़के है धर्मेंद्र 19 वर्ष राजेन्द्र 16 पूजा देवी 15 पुष्पा देवी12 वर्ष पत्नी कुसुमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है अधेड़ भूमिहीन था आर्थिक तंगी के कारण आत्म हत्या कर लिया हैं गरीबी से तंग अधेड़ की मौत के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता उसके यहां घड़ियाली आंसू बहाने भी नहीं पहुंच सके हैं लंबे लंबे डींग हाँकने वाले नेताओं ने अधेड़ की मौत के बाद भी उसके घर पर पहुंचने में अपनी तौहीनी समझी है सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के नेता भी उसके घर नहीं पहुंचे हैं आर्थिक तंगी से मौत के बाद प्रशासनिक अमला भी उसके घर हाल-चाल लेने नहीं पहुंचा है अब आर्थिक तंगी से हुई इस मौत को क्या संज्ञा दिया जाएगा।

अजीत कुशवाहा

Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

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