कौशाम्बी

बालिकाओं को भगाने के मुख्य सूत्रधार तक नहीं पहुंची पुलिस की नजर

Shiv Kumar Mishra
2 April 2022 3:46 AM GMT
बालिकाओं को भगाने के मुख्य सूत्रधार तक नहीं पहुंची पुलिस की नजर
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शरणदाता पर नहीं हुई कार्यवाही सोने के मंगलसूत्र लेकर प्लान बनाने वाले पर भी नहीं हो सकी कार्यवाही

कौशांबी संयुक्त जिला चिकित्सालय मंझनपुर में संचालित वन स्टॉप सेंटर से 2 महीने पूर्व दो बालिकाओं के भाग जाने के बाद मामले में अधिकारियों ने तमाम जांच शुरू कराई लेकिन दो महीने की जांच के दौरान जांच अधिकारियों की नजर मुख्य सूत्रधार तक नहीं पहुंच रही है जिससे इस गंभीर अपराध के दोषी अभी मौज कर रहे हैं जांच अधिकारी मुख्य सूत्रधार को जानबूझकर नजरअंदाज कर रहे हैं या फिर उनकी जांच की दिशा में खामियां हैं यह तो एक अलग जांच का विषय है बालिकाओं के भाग जाने के बाद उन्हें शरण देने वालों पर अभी तक मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने शरण दाताओं की गिरफ्तारी नहीं की है जबकि शरणदाताओं के नाम सार्वजनिक हो चुके हैं आखिर पुलिस हिरासत से भागी बालिकाओं को शरण देने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी में आखिर इतनी उदारता क्यों बरती जा रही है उनसे पुलिस के क्या रिश्ते हैं।

संयुक्त जिला चिकित्सालय परिसर में संचालित वन स्टॉप सेंटर के दूसरे मंजिल की खिड़की तोड़कर पुलिस अभिरक्षा से भागी बालिकाओं की सुरक्षा में होमगार्ड पीआरडी के जवान और महिला सिपाहियों की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन अभी तक इन पर भी मुकदमा नहीं दर्ज हुआ है पुलिस अभिरक्षा से भागी बालिकाओं को शरण देने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार कर इस घटना कांड के खुलासे का प्रयास किया होता तो अब तक घटना की कलाई परत दर परत खुल जाती लेकिन पुलिस ने इस दिशा में ठोस पहल नहीं की है चर्चाओं पर जाएं तो बालिका को अपने प्रेम जाल में फंसाकर शादी का झांसा देकर भगाने वाले युवकों के रिश्तेदार भी वन स्टॉप सेंटर पर ड्यूटी करते थे आखिर युवकों के रिश्तेदारों की गतिबिधियों पर पुलिस अधिकारियों ने क्यों नहीं जांच की दिशा बढ़ाई है उनके मोबाइल के कॉल डिटेल्स को खंगाला जाना चाहिए लेकिन अभी तक बालिका को भगाने वाले लोगों के रिश्तेदारों के मोबाइल कॉल डिटेल को सर्विलांस पर लगाकर खंगालने का प्रयास नहीं हो सका है।

जिससे पुलिस की जांच दिशा तमाम सवाल खड़ा कर रही है इतना ही नहीं बालिका का सोने का मंगलसूत्र लेने वाला वन स्टॉप सेंटर का वह कौन है जिसकी चर्चा तेजी से हो रही है बताया जाता है कि बालिकाओं के भगाने के बदले में सोने की चैन मंगलसूत्र ले लिया गया था और योजनाबद्ध तरीके से बालिकाओं को वन स्टॉप सेंटर से निकाला गया है जिसकी कीमत 25 हजार रुपए बताई जाती है मंगलसूत्र लेने वाला वह कौन है उसकी तलाश करने में 2 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस की तलाश नहीं पूरी हो सकी है बालिका के भागने के प्रकरण पर शुरू हुई जांच पर इस तरह के तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं यदि पुलिस अधिकारियों ने सूक्ष्म जांच की तो इस घटना की हकीकत खुलने में ज्यादा देर नहीं लगेगी और बड़े गिरोह के सदस्य गिरफ्तार होंगे।

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