कौशाम्बी

कौशाम्बी में संदिग्ध परिस्थितियों में दो टुकड़े में रेलवे लाइन के किनारे मिली बालिका की लाश

Shiv Kumar Mishra
22 Jun 2020 2:47 PM GMT
कौशाम्बी में संदिग्ध परिस्थितियों में दो टुकड़े में रेलवे लाइन के किनारे मिली बालिका की लाश
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लेकिन प्रेम प्रपंच की बात जब दूसरे गांव में हुए रिश्ते के घर वालो को पता चली तो उसने बालिका के साथ शादी करने से इनकार कर दिया

कौशाम्बी:कोखराज थाना क्षेत्र के बिदनपुर गांव के बाहर हावड़ा दिल्ली रेल लाइन के किनारे एक बालिका की दो टुकड़ों में लाश रेलवे लाइन के किनारे झाड़ी के पास मिली है सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बालिका के लाश के दोनों टुकड़ो को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है घटना के पीछे गांव में तमाम चर्चाएं हैं बालिका की पहचान बिदनपुर गांव निवासी रेखा देवी के रूप में हुई है

घटनाक्रम के मुताबिक कोखराज थाना क्षेत्र के बिदनपुर गांव की रेखा देवी उम्र 18 वर्ष पुत्री श्याम लाल अपने गांव के ही गुड्डू पाल पुत्र सूरज दीन से लंबे समय से प्रेम करती थी दोनों के प्रेम प्रपंच और एकान्त में मिलने की चर्चा लोगो की जुबान पर थी प्रेमी युगल एक दूसरे पर समर्पित हो चुके थे लेकिन यह बात

बालिका के परिजनों को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने बालिका पर पाबन्दी लगाते हुए बालिका का रिश्ता दूसरे गांव के युवक के साथ कर दिया लेकिन प्रेम प्रपंच की बात जब दूसरे गांव में हुए रिश्ते के घर वालो को पता चली तो उसने बालिका के साथ शादी करने से इनकार कर दिया

अब बालिका के परिजनों के सामने एक और नई मुसीबत और खड़ी हो गई परिजन इस बात से परेशान रहने लगे कि एक बात तो यह कि बालिका गांव के लड़के के साथ शारीरिक संबंध बनाती है जिससे उनकी मर्यादा समाज में खराब हो रही है वही जिस घर में परिजनों ने बालिका का रिश्ता तय किया गया उस घर के लोगो ने भी बालिका के साथ शादी करने से इनकार कर दिया इस बात को लेकर गांव में तीन दिनों तक पंचायत चली लेकर पंचायत में मौजूद लोगों ने सारा दोष बालिका के पिता पर मढ़ दिया और पंचायत ने दोनों युवकों को दोष मुक्त करार दिया जिससे पंचायत में भी अपमानित होने के बाद बालिका के पिता लोक लाज को लेकर चिंतित परेशान रहने लगे

इसी बीच सोमवार की सुबह बिदनपुर गांव में बालिका के घर से चंद कदम की दूरी पर हावड़ा दिल्ली रेल लाइन के किनारे झाड़ी में एक बालिका के दो टुकड़े में लाश मिली है जिसकी पहचान रेखा देबी के रूप में हुई है अब सवाल यह उठता है कि बालिका की मौत कैसे हुई है यह तो पोस्टमार्टम और जांच के बाद ही क्लियर होगा लेकिन गांव में तीन दिन तक चली पंचायत के बीच बालिका के परिजनों को पुलिस में मुकदमा लिखाने जाने से रोकने की कोशिश क्यो की गई और बार बार लोक लाज का हवाला देकर पंचायत में बालिका और उसके परिजनों को न्याय देने के बजाय उनका मानसिक और सामाजिक शोषण कर उन्हें जलील किया गया है और बालिका की मौत का यही कारण गांव में चर्चा का विषय है

बालिका ने खुद आत्महत्या कर लिया है या फिर किसी ने उसे मार कर फेंक दिया है यह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पष्ट होगा लेकिन दोनों परिस्थितियां ही इस मौत के पीछे चिंता का विषय है और बालिका से शारीरिक संबंध बनाने वाले और पंचायत में उन्हें पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करने से रोकने वाले के साथ-साथ बालिका के साथ रिश्ता करने के बाद उन्हें नकार देने वाले लोगों के कारनामों को क्या पुलिस संज्ञान में लेकर बालिका की मौत से पर्दा उठा कर गुनाहगारों को दंड दिलाएगी या फिर तमाम मौतों की तरह बालिका की मौत की पत्रावली भी बंद कर दी जाएगी यह सवालों के घेरे में है

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