कौशाम्बी

गुंडों अत्याचारियो पर योगी सरकार का अंकुश लगाने का निर्देश कौशांबी में हुआ फेल

Shiv Kumar Mishra
5 Aug 2021 8:11 AM GMT
गुंडों अत्याचारियो पर योगी सरकार का अंकुश लगाने का निर्देश कौशांबी में हुआ फेल
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कौशाम्बी भाजपा की सरकार में गुंडों अत्याचारी भू माफियाओं पर अंकुश लगाने की योगी सरकार का निर्देश कौशांबी जिले में फेल हो चुका है गुंडे हावी हैं भू माफिया निरीह कमजोर की जमीन कब्जा कर रहे हैं थाना और पुलिस चौकी के जवान गुंडों माफियाओं से सांठगांठ कर असहाय निरीह कमजोर लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं लेकिन योगी सरकार की पुलिस असहाय निरीह लोगों की मदद कर उन्हें न्याय नहीं दिला पा रही है गुंडों के अत्याचार से कमजोर मजलूम लोग घर छोड़ने को विवश है.

आला अधिकारियों की चौखट पर कमजोर गरीब मजलूम लोगों की सुनवाई नहीं हो रही है अधिकारियों की चौखट पर पीड़ित प्रार्थना पत्र देकर न्याय मांग रहे हैं लेकिन केवल शिकायती पत्रों को डाक में भेज कर अधीनस्थों को न्याय देने का जिम्मा सौंप दिया जाता है और जहां अधीनस्थ थाना पुलिस पीड़ितों के दुख दर्द को कम करने के बजाए उसे बढ़ाकर थाना चौकी पुलिस मौज कर रही है थाना और पुलिस चौकियों में कमजोर मजलूम को कितना न्याय मिल रहा है इसकी समीक्षा भी आला अधिकारियों द्वारा नहीं की जाती है जिससे थाना और पुलिस चौकियों की मनमानी तरीके से एकछत्र राज्य कायम है न्याय पाने के लिए गरीब कमजोर मजलूम माननीयों की चौखट पर भी गिड़गिड़ा रहे हैं लेकिन माननीयों के चौखट पर भी फरियाद करने के बाद मजलुमो को न्याय नहीं मिल पाता है थाना पुलिस चौकियों की मनमानी पूरी तरह से कायम है इसी तरह का एक मामला सराय अकिल थाना क्षेत्र के डाहिया गांव का प्रकाश में आया है.

जहां अपनी जमीन बचाने के लिए वृद्ध दंपत्ति न्याय मांग रहा है बेनी राम कटरा पुलिस चौकी से लेकर वह सराय अकिल थाना क्षेत्राधिकारी पुलिस अधीक्षक जिला अधिकारी विधायक की चौखट पर फरियाद कर चुका है लेकिन उसे न्याय मिलने के बजाय स्थानीय पुलिस चौकी के चौकी इंचार्ज ने उस निरीह पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है झूठा मुकदमा दर्ज करने वाली चौकी पुलिस के कारनामों पर चौकी पुलिस को भी आला अधिकारी ने दंडित नहीं किया है जिससे झूठा मुकदमा दर्ज करने की प्रथा थाना पुलिस चौकी में बढ़ गई है निरीह कमजोर का शोषण कर थाना पुलिस दबंगों से धना दोहन कर मालामाल हो रही है वृद्ध दंपत्ति कमजोर मजलूम है और इन पर अत्याचार करने वाले दलित बिरादरी के हैं लेकिन उनकी संख्या भारी है परिवार के 2 लोग सरकारी नौकरी में हैं जिससे उन्होंने करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की है.

दलित दबंगों को सरकार ने लाइसेंसी असलहा भी दे रक्खा हैं फिर भी वह दलित बनकर अन्य लोगों पर अनुसूचित जाति की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर अत्याचार कर रहे हैं और करोड़ों रुपए की अर्जित संपत्ति के चलते वह दलित होने के बाद भी दबंग और अत्याचारी हो गए हैं दलित होने का फायदा उठाकर वह लोगों पर स्थानीय पुलिस से सांठगांठ कर दलित उत्पीड़न की धारा दर्ज करा कर आम लोगों पर अत्याचार आतंक कायम कर लोगों का शोषण कर रहे हैं लेकिन थाना पुलिस भी चंद रुपयों में बिक जाती है जिससे मजलूम कमजोरो को न्याय नहीं मिल पाता है इस वृद्ध दंपत्ति के अलावा भी गांव में कई लोगों के साथ मारपीट आतंक अत्याचार दबंग दलित कर चुके हैं बीते दिनों गांव की एक महिला के साथ दबंगों ने रेप भी किया था जिस पर पुलिस ने नोट की गड्डी लेकर पत्रावली बंद कर दी है वृद्ध दंपत्ति को दलित दबंगों ने लाइसेंसी असलहा लेकर कई बार गांव से खदेड़ दिया है.

दलित दबंगों का यह रोज का कारनामा है असलहे के दम पर लोगों को डराना धमकाना आम बात हो गई है वृद्ध दंपत्ति का परिवार गांव छोड़ कर जान बचाए भाग रहा है 7 महीने बाद अदालत से बृद्ध को जमानत मिल सकी है सराय अकिल थाना के डाहिया गांव के असहाय बृद्ध दम्पत्ति लालती देवी पत्नी रामचन्द्र साहू और उनके पुत्रो की जमीन छीन कर दबंगो ने गांव से भगा दिया है पुलिस ने भी सुनवाई नही की कहीं ठिकाना ना होने पर बुधवार को जिला अधिकारी आवास के बाहर रात में समय गुजार रहे थे आधी रात को जिला अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा में लगे सुरक्षा जवानों ने असहाय वृद्ध दंपत्ति को जिलाधिकारी आवास के बाहर से भगा दिया.

जिस पर जनपद मुख्यालय की सड़क के किनारे पूरी रात वृद्ध दंपत्ति इस उम्मीद से पड़े रहे कि सुबह होने पर वह जिलाधिकारी से मिलकर फरियाद करेंगे न्याय पाने के लिए विधायक के चौखट पर भी फरियाद कर चुके है लेकिन वृद्ध दंपत्ति की पीड़ा कम नहीं हो सकी दबंगों से सांठगांठ कर पुलिस ने वृद्ध दंपत्ति पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया तीन बेटों के साथ वृद्ध दंपत्ति ने 7 महीने कारागार की कालकोठरी में समय बिताया न्याय के लिए बृद्ध दम्पत्ति दर दर ठोकर खा रहे है योगी सरकार में क्या यही कानून का राज है कि गरीब कमजोर की न्याय मांगते मांगते मौत हो जाए और उसे न्याय ना मिल सके.

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