लखनऊ

746 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के अल्प मानदेय पाने वाले कर्मचारियों को 2 माह से ज्यादा समय से नहीं मिला मानदेय

Shiv Kumar Mishra
17 Jan 2024 1:18 PM GMT
746 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के अल्प मानदेय पाने वाले कर्मचारियों को 2 माह से ज्यादा समय से नहीं मिला मानदेय
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एक नजर कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों पर, अल्प मानदेय पाने वाले कर्मचारियों को 2 माह से ऊपर हो गए समय से नहीं मिलता मानदेय ।

एक नजर कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों पर

अल्प मानदेय पाने वाले कर्मचारियों को 2 माह से ऊपर हो गए समय से नहीं मिलता मानदेय ।

पूरे उत्तर प्रदेश में हैं 746 बालिका विद्यालय ।

समय से मानदेय न मिलने से भुखमरी की कगार पर आ गए हैं शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी उधारी से काम चला रहे हैं कर्मी ।

PFMS पोर्टल के माध्यम से अब SPO कार्यालय ( राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय) द्वारा ऑनलाइन मानदेय दिया जाता है ।

पहले जिले के खाता में मानदेय व अन्य मदों का पैसा रहता था अब SPO लिमिट जारी करती है सभी जिलों को ।

6 महीने का एक मुश्त बजट अक्तूबर में जारी हुआ था जो मानदेय का पिछला पैसा आया था ।

किसी-किसी जिलों खाने के पैसे से किया जारहा है मानदेय का भुगतान ।

केजीबीवी में लगभग 10 हजार कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं ।

लखनऊ उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों वार्डेन, फुल टाइम टीचर, पार्ट टाइम टीचर, उर्दू टीचर, लेखाकार, चपरासी, चौकीदार व कुक को विभाग की लापरवाही के कारण 2 माह से ज्यादा का समय हो गया मानदेय न मिलने से असंतोष व्यापत है गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग व महानिदेशक स्कूल शिक्षा / राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा अभियान द्वारा संचालित 746 कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में अल्प मानदेय पर कार्यरत कर्मचारियों को कभी भी समय से मानदेय नहीं मिलता है समय से मानदेय न मिलने से इस महँगाई में परिवार व खुद का भरण पोषण करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है ।

विद्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों से 24 घन्टे की ड्यूटी ली जा रही है शिक्षकों के विद्यालय में रहने की कोई भी प्राइवेसी नहीं है उनको बालिकाओं के साथ ही रहना, सोना पड़ता है परियोजना कार्यालय से जाड़े में कर्मचारियों को शीतकालीन अवकाश की कोई व्यवस्था न होने से स्कूल खुले रहते हैं जबकि अन्य सभी बोर्डों के स्कूल लगभग 15 दिन बन्द रहा करते हैं. शीतकालीन अवकाश के लिये कर्मचारी धरना प्रदर्शन करते हैं जिला अधिकारी को ज्ञापन देते है तो कहीं – कहीं विद्यालय बन्द हो जाता है ।

केजीबीवी के कर्मचारियों को वर्ष 2019 से उनके मानदेय में कोई भी वृद्धि न होने से भुखमरी की कगार पर कर्मचारी आ गए है कर्मचारियों ने समय-समय पर मानदेय वृद्धि किये जाने की माँग करते रहते हैं लेकिन सरकार द्वारा कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।


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