लखनऊ

बीजेपी में दो ही नेता हैं अमित शाह और मोदी - ओमप्रकाश राजभर

Shiv Kumar Mishra
25 July 2022 4:25 AM GMT
बीजेपी में दो ही नेता हैं अमित शाह और मोदी - ओमप्रकाश राजभर
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समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटने के बाद से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर अब सुहैलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर किसके साथ जाएंगे? एक तरफ तो ओपी राजभर मायावती का नाम लेते हैं लेकिन जब राष्ट्रपति चुनाव की बात थी तब उन्होंने एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया था। राजभर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रिश्ते तल्ख कर लिये हैं लेकिन इसके बावजूद उनके बीजेपी में जाने की उम्मीदें प्रबल हैं।

जब ओम प्रकाश राजभर से भारतीय जनता पार्टी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा बीजेपी में सिर्फ दो ही नेता हैं एक अमित शाह और दूसरे नरेंद्र मोदी बाकी सब चिल्लाते रहते हैं। राजभर ने कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के मालिक संजय भैया तो नहीं हैं न, वहां तो सिर्फ दो ही नेता हैं, नीचे चाहे जितना कोई चिल्लाए कि हम बड़े तोप हैं तो हम सबके बारे में जान चुके हैं।'

हालांकि अभी ओपी राजभर इस बात से इनकार कर रहे हैं कि गठबंधन को लेकर उनकी किसी पार्टी से बातचीत हुई हो। राजभर ने कहा, 'जब राष्ट्रपति के चुनाव में अखिलेश जी ने हमसे कोई राय मशविरा नहीं लिया। न हमसे कोई बातचीत की और न हमें यशवंत जी के साथ डिनर पार्टी के लिए बुलाया तो हम भी कुछ नहीं बोले। वहीं इसके बाद 7-8 तारीख को हमारे पास सीएम योगी जी का फोन आया तो उन्होंने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी राष्ट्रपति चुनाव में आपका समर्थन चाहती हैं और मैं भी अपनी ओर से कह रहा हूं। इस पर मैंने योगी जी को हां कह दिया और राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू जी का समर्थन किया। ये बात अखिलेश यादव जी को नागवार गुजरी कि ये डिनर पार्टी में माल खाने कैसे पहुंच गया।'

वहीं जब अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल से इस बात को लेकर सवाल किया गया कि क्या ओम प्रकाश राजभर एनडीए का हिस्सा बनने जा रहे हैं? तो इस पर अनुप्रिया पटेल ने जवाब देते हुए कहा, 'अगर वो आएंगे तो बेहतर होगा। एनडीए का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। विकास की तमाम परियोजनाओं को एक के बाद एक करके हमने लगातार देश की जनता को सौंपने का काम किया है। इस अच्छे कार्यों में और देश की जनता को आत्मनिर्भर बनाने की यात्रा में, लोकतंत्र को बेहतर बनाने में हमें जितने भी साथियों का साथ मिले बेहतर होगा।'

साभार जनसत्ता

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