लखनऊ

105 दिन बाद भी खामोश है सरकार, अनुदेशक कोर्ट के आदेश की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है, कब होगा लागू

Shiv Kumar Mishra
16 March 2023 11:31 AM IST
105 दिन बाद भी खामोश है सरकार, अनुदेशक कोर्ट के आदेश की तरफ टकटकी लगाए देख रहा है, कब होगा लागू
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उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के 2013 से उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक कार्यरत है। अनुदेशक के भर्ती प्रक्रिया इलाहाबाद हाईकोर्ट की निगरानी में जिला अधिकारी के निर्देशन में गठित कमेटी द्वारा की गई थी। चूंकि हमारे देश में शिक्षक बनने का जो गर्व हासिल होता है उससे हम बेहद खुद को भाग्यशाली मानता है। इस वजह से इस पेशे में जाने को हर समय तत्पर रहते है।

इसी को लेकर अनुदेशक की भर्ती में उन टॉपरो ने प्रतिभाग किया। जिन्हे सफलता भी उन्हे जीओ के मुताबिक उनके निज अर्थात होम ब्लॉक में नियुक्त किया जाना था। लेकिन जिले में गठित कमेटी द्वारा ईमानदारी से काम किया गया और जिले के अधिकारियों ने फिर अपनी मनमानी करते हुए नियुक्ति इधर से उधर कर दी जब जीओ में ये सब नहीं था तो उसकी नियुक्ति 100 या 120 किलोमीटर क्यों की गई। जीओ अब भी मौजूद है उसके लिए पढ़कर अनुदेशक का ट्रांसफ़र किया जाए।

कोर्ट के आदेश को आज 105 दिन हो गए है लेकिन अभी भी कोई प्रतिक्रिया सरकार द्वारा नहीं दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के डबल बैंच ने 1 दिसंबर को आदेश दिया था कि अनुदेशक को वर्ष 2017 18 का 17000 हजार से भुगतान किया जाए। लेकिन साढ़े तीन माह बाद भी सरकार टस से मस नहीं हो रही है। अनुदेशक इस आदेश को लेकर रोज तिल तिल कर मर रहा है। उसे उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द इस आदेश का एरियर उसके खाते में भेज दे ताकि उसका भी कुछ भला हो जाए क्योंकी पिछले दस वर्ष में उसका पूरा परिवार डूब चुका है।

बता दें अनुदेशक 9 साल से 7000 हजार में पढ़ाता चला आ रहा है हालांकि कुछ समय के लिए उसे 8470 रुपये वेतन मिला था। जबकि कागजी और ट्विटर प्र तो अनुदेशक कभी 9800 तो कभी 17000 हजार भी पा चुका है। ये सब सत्ता धारी पार्टी के ट्विटर हेंडील से शेयर किया जा चुका है। इससे बड़ा झूँठ और क्या हो सकता है।

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