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लखनऊ, आगरा , राजस्थान और बंगाल समेत कई स्थानों पर रिवर फ़्रंट घोटाले में CBI की छापेमारी !

Shiv Kumar Mishra
5 July 2021 6:08 AM GMT
लखनऊ, आगरा , राजस्थान और बंगाल समेत कई स्थानों पर रिवर फ़्रंट घोटाले में CBI की छापेमारी !
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सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने रिवर फ्रंट मामले में उत्तर प्रदेश में 40 जगहों पर छापेमारी की है। वहीं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक जगह तलाशी ली जा रही है। इस मामले में कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

उत्तर प्रदेश के चर्चित गोमती रिवर फ्रंट मामले में सीबीआई की एंटी करप्शन विभाग ने आज बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई की कई टीमों ने यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत 40 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापा मारा है और करीब 190 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। गोमती रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में शुक्रवार को भी जाँच एजेंसी कई जगहों पर छापेमारी की थी।

यूपी में आज लखनऊ के साथ ही नोएडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है। रिवर फ्रंट मामले में सीबीआई ने 3 चीफ इंजीनियरों के साथ ही 6 सहायक इंजीनियरों के घरों में भी छापा मारा है। बतादें कि अखिलेश यादव सरकार के दौरान गोमती रिवर फ्रंट परियोजना में अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने दूसरी FIR दर्ज की है।

सीबीआई की एंटी करप्शन टीम ने रिवर फ्रंट मामले में उत्तर प्रदेश में 40 जगहों पर छापेमारी की है। वहीं राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक जगह तलाशी ली जा रही है। इस मामले में कुल 189 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

सपा सरकार में गोमती रिवर फ्रंट के लिए अखिलेश ने 1513 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। हैरानी की बात ये है कि 1437 करोड़ रुपये जारी होने के बाद भी रिवर फ्रंट का सिर्फ 60 फीसदी काम ही किया गया था। 95 फीसदी बजट खर्च के बाद भी ठेका लेने वाली कंपनियों ने काम पूरा नहीं किया था।

सपा सरकार में हुआ गोमती रिवर फ्रंट घोटाला

बतादें कि सपा सरकार में हुए गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में साल 2017 में योगी सरकार ने जांच के आदेश देते हुए न्यायिक आयोग का गठन किया था। जांच में पता चला था कि डिफॉल्टर कंपनी को ठेका देने के लिए टेंडर की शर्तों में ही बदलाव कर दिया गया था और पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब 800 टेंडर निकाले गए थे। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की मांग की थी।

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