लखनऊ

यूपी के सरकारी स्कूलों में 10 दिन बिना बैग स्कूल जाएंगे बच्चे, गुजरात में लागू है यह व्यवस्था

Shiv Kumar Mishra
17 April 2023 3:18 AM GMT
यूपी के सरकारी स्कूलों में 10 दिन बिना बैग स्कूल जाएंगे बच्चे, गुजरात में लागू है यह व्यवस्था
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एनईपी में बच्चों पर किताबों व बैग का बोझ कम करने व उनको तनावमुक्त पढ़ाई का माहौल देने पर काफी फोकस किया गया है।

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक के बच्चे साल में दस दिन बिना बैग के स्कूल आएंगे। प्रदेश के विद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (एससीईआरटी) इसके लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रहा है। यह व्यवस्था इसी सत्र 2023-24 से लागू होगी।

एनईपी में बच्चों पर किताबों व बैग का बोझ कम करने व उनको तनावमुक्त पढ़ाई का माहौल देने पर काफी फोकस किया गया है। जिसमें दस दिन बिना बैग के स्कूल आने की व्यवस्था काफी प्रभावी है। एनसीईआरटी ने इस पर काफी काम किया है और इसे लागू करना शुरू किया है। इसी क्रम में एससीईआरटी ने भी इसे प्रदेश में लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसके तहत प्रदेश के विद्यालयों में भी बच्चों को खेल-खेल में गणित व विज्ञान सिखाने, पढ़ाने, उनके मन से किताबों का दबाव कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

एससीईआरटी की निदेशक डॉ. अंजना गोयल के निर्देशन में संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान इसे लेकर कार्य योजना तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों में बच्चों को स्किल विकास से जुड़ी, आर्ट एंड क्राफ्ट से जुड़ी चीजें और प्रैक्टिकल कर सीखने आदि के बारे में बच्चों को सिखाया जाएगा। एनईपी में 50 फीसदी पढ़ाई वोकेशनल शिक्षा पर फोकस की जा रही है। डॉ. सचान ने कहा कि यह व्यवस्था बच्चों को किताब से इतर भी सोचने और समझने, विभिन्न गतिविधियों से स्किल्ड होने व सॉफ्ट स्किल सीखने का भी अवसर देगी।

इसके साथ ही बच्चों को इन दिनों में उनके गांव, तहसील, जिले या प्रदेश के प्राचीन, ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों का भ्रमण या उनके बीच खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सकता है। जो बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आने के लिए भी प्रेरित करने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि कार्ययोजना तैयार कर महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजी जाएगी। जहां से इसकी आवश्यक औपचारिकता पूरी कर इसे प्रभावी बनाया जाएगा।

गुजरात में लागू है यह व्यवस्था

प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग का एक प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों गुजरात में स्कूली शिक्षा से जुड़ी जानकारी लेने गया हुआ था। इसमें शामिल डॉ. सचान ने बताया कि गुजरात की स्कूली शिक्षा (कक्षा छह से आठ के बीच) में यह व्यवस्था प्रभावी है। इससे बच्चों को काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि इसके असर को देखकर, आगे बिना बैग के स्कूल आने वाले दिनों की संख्या और बढ़ाई भी जा सकती है।

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