लखनऊ

शक्तिस्वरूपा नारी की हर क्षेत्र में दखल और पुलिस भर्ती में दिये गये बीस फीसदी आरक्षण पर विशेष

Special Coverage News
29 Nov 2018 12:46 PM IST
शक्तिस्वरूपा नारी की हर क्षेत्र में दखल और पुलिस भर्ती में दिये गये बीस फीसदी आरक्षण पर विशेष
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हमारे देश में आज से नहीं बल्कि आदिकाल से नारी को शक्तिस्वरूपा माना जाता है और कहा भी गया है कि-" जहाँ पर नारी निवास करती है वहां पर उसके आसपास देवता लोग रमण करते हैं।इसीलिए गृहस्थ आश्रम में नारी को गृहलक्ष्मी कहा जाता है और कहा गया है कि-"बिन घरनि घर भूत का डेरा"। मनुष्य की तरह नारी के भी दो रूप माने गये हैं तथा एक को लक्ष्मी तो दूसरी को कुलक्षिणी कहा जाता है। नारी को इस चराचर जगत की अधिष्ठात्री देवी कहा जाता है और उसी से नर नारी सभी की उत्पत्ति होती है इसलिए उसे इस ब्रह्मांड की रचियता भी माना जाता है क्योंकि नारी के बिना वंश विस्तार संभव नहीं होता है।


इतिहास साक्षी है कि इसी धरती पर रानी लक्ष्मीबाई जोधाबाई सीता सावित्री जैसी अनगिनत नारियाँ पैदा होकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर चुकी हैं। एक समय था जबकि नारी को दीनहीन अबला बेबस बेसहारा कहा जाता था लेकिन आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाये हुये और उनके इस जज्बे को देखकर ही महिलाओं की भागीदारी सिविल एवं पुलिस सेवा में ही नहीं बल्कि सेना में भी महिलाएं अपना जौहर दिखाने लगी हैं।इतना ही अब तो महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में सुनिश्चित करने के लिए उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जा रहा जिससे उनकी भागीदारी राजनीति से लेकर ग्रहों तक पहुंचने में होने लगी है।पुलिस में महिलाओं की भागीदारी लम्बे समय से चली आ रही है लेकिन इनकी संख्या न के बराबर थी जबकि इस समय इनकी संख्या काफी वृद्धि हुई है और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर भर्ती किया जा रहा है।


अभी चार छः दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री महंत योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में दो कदम और बढ़ाते हुए पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए बीस फीसदी पदों को आरक्षित कर दिया गया।इस फैसला का लाभ निश्चित तौर पर महिलाओं को मिलेगा और आने वाले समय में पुलिस बेड़े में महिलाओं की संख्या बीस फीसदी हो जायेगी। पुलिस में महिलाओं के मान सम्मान का ध्यान रखना अधिकारियों का कर्तव्य होता है और जब वह कर्तव्यहीन हो जाते हैं तभी महिला सिपाहियों को आत्महत्या तक कर लेनी पड़ती है। महिलाओं को पुलिस में भर्ती करते समय उनकी शारीरक क्षमता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि महिलाओं में पुरूषों की तरह बहादुरी के साथ जज्बे के लिये उन्हें बहादुर के साथ साथ निपुण एवं शरीर से हष्ट पुष्ट होना जरूरी होता है।


मुख्यमंत्री योगी का यह फैसला महिलाओं के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है क्योंकि पुलिस सिपाहियों की भर्ती मेंं बीस फीसदी आरक्षण के बाद उनकी तकदीर और तस्वीर बदल सकती है। मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के हित में लिया गया यह निर्णय निश्चित तौर पर सराहनीय एवं स्वागत योग्य कदम है और इसकी जितनी प्रसंसा की जाय उतनी कम है।सरकारी अमला मुख्यमंत्री के इस अति महत्वाकांक्षी फैसले को कितना लक्ष्य प्रदान कर पायेगा यह तो भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।

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