लखनऊ

UP: महामारी के बीच कोरोना किट घोटाला आया सामने, सीएम ने जांच के लिए गठित की एसआईटी

Arun Mishra
11 Sep 2020 3:11 PM GMT
UP: महामारी के बीच कोरोना किट घोटाला आया सामने, सीएम ने जांच के लिए गठित की एसआईटी
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सीएम ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है.

लखनऊ : कोरोना महामारी के बीच उत्तर प्रदेश में कोविड किट घोटाला सामने आ रहा है. यहां सुल्तानपुर और गाजीपुर सहित कुछ अन्य जिलों में पल्स ऑक्सीमीटर और इन्फ्रारेड थर्मामीटर की खरीद बाजार मूल्यों के कई गुना अधिक रेट में की गई है. मामला सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया है. सीएम ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है.

मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई है. एसआईटी पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. आईएएस रेणुका कुमार को एसआईटी का हेड बनाया गया है. आरोप है कि यूपी के कई जिलों में कोरोना संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाले थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर की खरीद बाजार मूल्य से काफी ज्यादा कीमत पर की गई है. अभी तक इस मामले में दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

बीजेपी विधायक ने उजागर किया मामला

सुल्तानपुर से बीजेपी विधायक देवमणि द्विवेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस मामले से अवगत कराया था. इसके बाद सीएम ने मामले को गंभारता से लिया और मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का आदेश दे दिया. वहीं, मामले में भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहीं सुल्तानपुर की डीएम सी. इंदुमति ने कहा है, 'मुझ पर लगे आरोप गलत हैं. माननीय विधायक ने ना ही मुझसे कभी बात की है, ना ही मेरे सीडीओ से तथ्यों की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा आरोप जिला प्रशासन की छवि को खराब करने के उद्देश्य से लगाया जा रहा है.

आप नेता संजय सिंह ने पूछा सवाल

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स की फोटो लगाकर महंगे दामों पर हुई खरीद पर सवाल पूछते हुए लिखा, 'योगीजी कृपया ध्यान दें. ऑनलाइन खरीदने पर जो ऑक्सीमीटर की कीमत 800 रुपये, थर्मामीटर की कीमत 1800 रुपए है वो सुल्तानपुर की डीएम ने 9950 रुपये में कोविड सर्वे किट क्यों खरीदा? किसने कितनी दलाली खाई? कोरोना के नाम पर भ्रष्ट्राचार श्मशान में दलाली के समान है.' संजय सिंह ने कहा, 'यह घोटाला एक-दो जिलों तक सीमित नहीं है.

बता दें कि यूपी में घर-घर, गांव-गांव में कोरोना के सर्वे हो रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मचारी थर्मल स्कैनर से बुखार और पल्स ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल और नब्ज चेक कर रहे हैं, ताकि कोरोना के लक्षण होने पर इलाज हो सके. यूपी में एक लाख से ज्यादा गांव हैं. अगर घोटाला ज्यादा हुआ तो यह काफी बड़ा भी हो सकता है.




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