लखनऊ

पिता-चाचा से गठबंधन निभा नहीं पाए, विपक्षी दलों से कैसे निभाएंगे अखिलेश - डॉ चन्द्रमोहन 

Special Coverage News
6 Sept 2018 7:11 PM IST
dr chandra mohan
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dr chandra mohan

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के साथ तो पारिवारिक गठबंधन निभा नहीं पा रहे हैं और भाजपा विरोधी राजनीतिक गठबंधन बनाने की बात कह रहे हैं। जिन व्यक्तियों ने उन्हें पाल पोसकर राजनीति में खड़ा किया, उन्हीं से अखिलेश यादव को खतरा हो गया है, इस सोच के चलते वह किसी अन्य दल से गठबंधन कैसे कर पाएंगे ?

भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डॉ चन्द्रमोहन ने कहा कि आज अखिलेश यादव जी की राजनीति में जो हैसियत है, वह इनके पिता और चाचा की बदौलत ही है जिन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना कर उसे आगे बढ़ाया। अखिलेश जी ने पहले तो अपने पिता से पार्टी का नेतृत्व छीना और अब उनकी घोर उपेक्षा भी कर रहे हैं। अपने पुत्र की कारगुजारियों से बेहद दुखी होकर मुलायम सिंह यादव जी को सार्वजनिक मंच से कहना पड़ा कि आज उनका कोई सम्मान नहीं करता, शायद मरने के बाद करे। इस बयान से ही साबित हो जाता है कि मुलायम सिंह जी किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। मुलायम सिंह जी ही अखिलेश जी को राजनीति मे लाए थे, और पार्टी में तमाम बड़े नेताओं को किनारे करके मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ चन्द्रमोहन ने कहा कि राजनीति में आने के बाद अखिलेश जी ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे यह साबित हो सके कि वह एक गंभीर और राजनीतिक समझ रखने वाले नेता हैं। भाजपा विरोधी गठबंधन करने के लिए अखिलेख जी ने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय नेता सुश्री मायावती जी के सामने समर्पण कर दिया है। बसपा के शासनकाल में मुख्यमंत्री रही सुश्री मायावती जी ने सपा के समर्थकों पर काफी जुल्म ढाए थे। इसी जुल्म का विरोध करने के लिए मुलायम सिंह जी को सपा कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरना पड़ा था। अखिलेश यादव जी ने भी अपने मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान अपनी कथित नाकामियों का ठीकरा मायावती की सरकार पर ही फोड़ा था।

प्रदेश प्रवक्ता डॉ चन्द्रमोहन ने कहा कि आज अखिलेश यादव अपने पिता और चाचा को हाशिए पर ढकेलकर मायावती के सामने हाथ जोड़कर खड़े हैं। इसके बावजूद मायावती भी अखिलेश जी को गंभीरता से नहीं ले रही है। खुद वह अपने बयान में अखिलेश जी को राजनीतिक रूप से अपरिपक्व कह चुकी है। भाजपा सरकार के जनहित के कार्यो को जनता के बीच जिस तरह समर्थन मिल रहा है, उससे विपक्षी दल अपने को हताश महसूस कर रहे हैं। इसी हताशा के चलते महज राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अखिलेश यादव अनाप-शनाप बयान जारी कर रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार सबका साथ-सबका विकास की नीति पर काम कर गांव, गरीब, किसान, नौजवान सहित सभी वर्गो के कल्याण के लिए संकल्पवद्ध होकर काम कर रही है।

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