लखनऊ

UP के पूर्व CJ प्रीतिंकर दिवाकर ने माफियाओं को पहुंचाया लाभ, अधिवक्ता ने चिट्ठी में लिखे 13 गंभीर आरोप? पढिए पूरी चिठ्ठी

Shiv Kumar Mishra
20 Dec 2023 6:20 PM GMT
UP के पूर्व CJ प्रीतिंकर दिवाकर ने माफियाओं को पहुंचाया लाभ, अधिवक्ता ने चिट्ठी में लिखे  13 गंभीर आरोप? पढिए पूरी चिठ्ठी
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उत्तर प्रदेश की इस खबर से हाईकोर्ट से लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता विवेक कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर सनसनी फैला दी। पत्र चूंकि न्यायिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ था वो इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेकर था। फिर क्या था मीडिया में चर्चा शुरू हुई जो अब थमने का नाम नहीं ले रही है। विवेक ने लिखे पत्र में करोड़ों रुपये से लेकर कैसे माफ़ियों को फायदा पहुंचाया गया उसका पूरा 13 विदुओं में जिक्र किया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता विवेक सिंह ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है मुख्य न्यायमूर्ति ने किस तरह से बड़े माफियाओं और व्यापरियों को फायदा पहुँचाया है, इसके साथ ही उन्होंने शिकायत मे लिखा है कि किस तरह से न्यायिक अधिकारियों के तबादले मे पैसे का लेनदेन हुआ है। पत्र में विवेक सिंह आरोप लगाते है कि एक बड़े जिले के जिला जज जिनके खिलाफ जाँच चल रही थी, मुख्य न्यायाधीश ने जाँच खत्म कर उनका नाम की हाई कोर्ट जज के लिए सिफारिश भी कर दी।

अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश पर पैसे लेकर कुछ लोगों के नाम ही हाई कोर्ट जज की सिफारिश करने का भी आरोप लगाया है। अधिवक्ता विवेक का पत्र अफसरशाही और अधिवक्ताओं मे चर्चा का विषय बना हुआ है ।मुख्य न्यायाधीश दिवाकर के अपने विदाई समारोह में पूर्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर भी आरोप लगाया था कि किस तरह से उन्हें छतीसगढ़ से इलाहाबाद भेजने की कौशिश की गई।

पढिए पूरा पत्र


कौन है मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर

इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर का मंगलवार 30 नबंबर की आखिरी कार्य दिवस था। न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने विदाई समारोह के भाषण में पूर्व CJI पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2018 में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से उनका ट्रांसफर सिर्फ और सिर्फ उन्हें परेशान करने की मंशा से किया गया था। बता दें, तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने उनका ट्रांसफर किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को जस्टिस दिवाकर की सेवानिवृत्ति पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया था। इसमें जस्टिस दिवाकर ने कहा कि उन्हें लगता है कि उनके स्थानांतरण का आदेश गलत इरादे से जारी किया गया। ऐसे मौके पर किसी न्यायाधीश द्वारा ऐसी टिप्पणी करना असामान्य है।


दरअसल, जस्टिस दिवाकर की सेवानिवृत्ति पर एक विदाई समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें उन्होंने भाषण देते हुए CJI पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, '31 मार्च, 2009 को मेरी प्रोन्नति पीठ पर हुई। मैंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अक्टूबर 2018 तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन एक न्यायाधीश के तौर पर किया। और सभी लोग मेरे कार्यों से संतुष्ट थे। अचानक भारत के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मुझ पर अधिक ही प्यार दिखाया जिसकी वजह मुझे अब भी नहीं पता उन्होंने मेरा ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया, जहां तीन अक्टूबर साल 2018 को कार्यभार संभाला।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मेरा ट्रांसफर मुझे परेशान करने के इरादे से जारी हुआ

न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने आगे कहा, 'उस समय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मेरा ट्रांसफर का आर्डर मुझे परेशान करने के इरादे से जारी हुआ प्रतीत हुआ। हालांकि, यह आर्डर मेरे लिए वरदान साबित हुआ क्योंकि मुझे बार के सदस्यों और हाईकोर्ट में साथी न्यायाधीशों का जबरदस्त सहयोग मिला।' इस साल की शुरुआत में, न्यायमूर्ति दिवाकर के नाम की सिफारिश प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचू़ड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद के लिए की गई और न्यायमूर्ति दिवाकर को 13 फरवरी, 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने 26 मार्च, 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ली।

उन्होंने अपने भाषण में आगे कहा, 'मौजूदा प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ जी का मैं सबसे अधिक आभारी हूं क्योंकि उन्होंने मेरे साथ हुए अन्याय को सुधारा।' साथ ही न्यायाधीश दिवाकर ने आगे भाषण देते हुए अपने करियर के बारे में चर्चा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में 1984 में एक अधिवक्ता के तौर पर अपना करियर शुरू किया। उनका जन्म साल 1961 में हुआ और उन्होंने जबलपुर में दुर्गावती विश्वविद्यालय से विधि में स्नातक किया और जनवरी, 2005 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने। 31 मार्च, 2009 उन्हें को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।



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