लखनऊ

क्या अरविन्द शर्मा की एंट्री यूपी की सियासत पर पड़ रही भारी, आखिर दिल्ली में क्यों मची है हलचल ?

Shiv Kumar Mishra
31 May 2021 3:58 PM IST
क्या अरविन्द शर्मा की एंट्री यूपी की सियासत पर पड़ रही भारी, आखिर दिल्ली में क्यों मची है हलचल ?
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वहीं एक ज्योतिषी ने यह कहकर और हलचल मचा दी है कि 02 जून 2021, प्रातः 07:17 मिनट पर विध्वंसक अग्नितत्व मंगल कर्क राशि मे,भारी बारिश,हिमस्खलन,बाढ़ तबाही के साथ #राजनीति में भारी आश्चर्यजनक राजनीतिक उलटफेर या 02 जून का इंतज़ार करना होगा!

लखनऊ: पिछले कुछ समय से यूपी भाजपा में हलचल देखने को मिल रही है। पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अब भाजपा के केंद्रीय संगठन मंत्री का लखनऊ दौरा, लगाए जा रहे कयासों को और अधिक मजबूती देता है। यदि थोड़ा पहले चलें और और पिछले वर्ष हुए एमएलसी चुनावों पर नजर डालें तो यूपी की सियासत पर बदलाव की नींव वहीं से नजर आएगी।

मालूम हो की एक आईएएस अधिकारी जो प्रधानमंत्री के चहेतों अधिकारियों में शुमार रहा हो और अचानक उसका समय से पहले VRS ले लेना और सत्ताधारी पार्टी का दामन थाम कर बिना किसी इन्तजार के चुनावी मैदान में उतर जाए। तो कहीं न कहीं यह इस कम से कम इस बात का द्योतक तो है कि उसे कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। अब उसमें देरी होने लगे तो जाहिर है कि,आज नहीं तो कल हलचल तो पैदा ही होगी।

वहीं एक ज्योतिषी ने यह कहकर और हलचल मचा दी है कि 02 जून 2021, प्रातः 07:17 मिनट पर विध्वंसक अग्नितत्व मंगल कर्क राशि मे,भारी बारिश,हिमस्खलन,बाढ़ तबाही के साथ #राजनीति में भारी आश्चर्यजनक राजनीतिक उलटफेर या 02 जून का इंतज़ार करना होगा!

अब इसी बीच आई महामारी से प्रदेश के बिगड़े हालातों ने आम जन की सांसे तो खींच ही ले गई, लेकिन ऐसा लगता है कि शायद बदलाव की तैयारी में बैठे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को मौका दे दिया हो। अब जब यूपी में चीखती आवाजें, अंतिम संस्कार के लिए भटके लोग, लाशों को नोच रहे कुत्तों की दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आईं तो प्रदेश ही नहीं पूरे देश को हिला कर रख दिया।

इसकी धमक सिर्फ प्रदेश की राजधानी तक ही सीमित नहीं रही, यह दिल्ली तक पहुंची। जिसके बाद शीर्ष पर बैठे अधिकारियों के सुन्न पड़े कानों में हलचल हुई और उन्हें आमजनता के मन में पैदा हो रहे आक्रोश का आभास हुआ। जिसके बाद राजधानी में हवाई जहाजों की गड़गड़ाहट सुनाई देने लगी और निर्णायक लोगों का आवागमन शुरू हो गया।

बैठकों का यह दौर शुरू हुआ तो मीडिया से लेकर सियासत के गणितज्ञों के अपने अपने कयास लगाने शुरू कर दिए। हालांकि भाजपा के निर्णयों के बारें में अभी तक पहले से लगाए जाने वाले अंदेशे कितना सही बैठे हैं यह किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले यूके में हुए बदलाव के बाद अब यूपी में चल रही हलचल के लोग अपने अपने हिसाब से अंदेशे लगा रहे हैं।

हालांकि यह कितना सही साबित होंगे यह तो देखने वाली बात होगी ? और यदि सही साबित होते हैं तो क्या बदलाव होगा यह तो देखने वाली बात होगी ? हालांकि ऐसे में जब महज 8 माह बाद चुनाव होने हैं ऐसे में कोई भी निर्णय लेना भाजपा नेतृत्व के लिए भी इतना आसान नहीं होगा ? क्योंकि निश्चित तौर पर एक छोटा फैसला बड़ा झटका दे सकता है ? लेकिन तय यह भी है कि यूपी की राजनीति में ए.के शर्मा की एंट्री महज एक एमएलसी बने रहने के लिए तो नहीं हुई है। बने रहिए भारत समाचार के साथ, आगे का अपडेट जल्द ही......

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