लखनऊ

अभी अभी यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल 65 घंटे बाद खत्म, बहाल होंगे बर्खास्त कर्मचारी और ....

Shiv Kumar Mishra
19 March 2023 9:36 AM GMT
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latest update of electricity department: यूपी में बिजली कर्मियों की हड़ताल अभी अभी खत्म हो गई है। 65 घंटे चली हड़ताल से UP की जनता परेशान थी। रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और बिजली कर्मचारी नेताओं के बीच तीसरे राउंड की बैठक में बात बनी। इसके बाद बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म होने का ऐलान किया। सरकार ने जो 3000 लोगों को निकाला था, 22 लोगों पर एस्मा लगाया था, 29 लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था...ये सब सरकार वापस लेगी।

ऊर्जा मंत्री अरविन्द शर्मा ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो उसे शीघ्र संचालित किया जाए। जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने संघर्ष समिति को भी आश्वासन दिया। हड़ताल के दौरान कर्मचारियो के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा। इसके लिए यूपीपीसीएल के चेयरमैन को निर्देशित भी किया है।अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे FIR हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाएगा। संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में वार्ता के माध्यम से हल किया जायेगा।

संघर्ष समिति ने एक दिन पहले कार्य वहिष्कार आंदोलन को वापस लिया। बैठक में संघ के नेता शैलेष दुबे ने इसकी घोषणा की।

दूसरे राउंड की बैठक में नहीं पहुंचे थे मंत्री

रविवार सुबह 11 बजे दूसरे राउंड की वार्ता के लिए कर्मचारी नेता बैठक में पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे तक मंत्री का इंतजार किया। मगर, ऊर्जा मंत्री नहीं आए। इसके बाद संघर्ष समिति के नेता लोग चले गए। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के शैलेंद्र दुबे ने कहा कि ऊर्जा मंत्री ने रविवार को बातचीत के लिए बुलाया था। इसलिए, हम लोग आए थे। लेकिन, मंत्री नहीं आए।


पहले राउंड की वार्ता 3 घंटे चली

इससे पहले, शनिवार रात ऊर्जा मंत्री और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच 3 घंटे की पहली मैराथन बैठक हुई। मगर, इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। बिजली कटौती से प्रदेश में करीब 50 लाख उपभोक्ता परेशान हैं।

इसलिए पहले राउंड की बैठक रही बेनतीजा?

सूत्रों के मुताबिक, शनिवार रात की बैठक में ही आंदोलन वापस लेने पर सहमति बन गई थी। इसमें यह तय हुआ कि जितने लोगों को निकाला गया है, उन सब को वापस कर लिया जाए। 29 लोगों पर जो FIR दर्ज है उसे हटाया जाए। 22 कर्मचारी नेताओं पर जो एस्मा लगा है उसको वापस लिया जाए। ये होने पर कर्मचारी अपनी हड़ताल वापस ले लेंगे। बताया जा रहा है कि ऊर्जा मंत्री इस पर सहमत थे, लेकिन वह लिखित में नहीं देने की बात कर रहे थे।

ऊर्जा मंत्री का कहना था कि आप हड़ताल वापस लीजिए और हम मीडिया में बयान दे देंगे कि अब तक हुई सारी कार्रवाई वापस ले ली गई है। इस पर कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल वापस लेने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वह लिखित समझौते के बिना हड़ताल वापस नहीं लेंगे। पिछली बार जब लिखित के बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो मौखिक का कोई आधार नहीं होता।

कई जिलों में 20-20 घंटे बिजली कटौती

प्रयागराज, कानपुर, फतेहपुर, ऊरई, जौनपुर, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी समेत कई जिलों के कुछ इलाकों में 20-20 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित है। प्रदेश में शुक्रवार को दिक्कत इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई कि तेज हवाओं और बारिश के बाद कई जगह फॉल्ट हुए, लेकिन वह ठीक नहीं हो सके। उधर, हड़ताल करने वालों पर सरकारी का एक्शन बढ़ता जा रहा है। अब तक 3 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है। संघर्ष समिति के 22 कर्मचारी नेताओं पर एस्मा लगाया गया है। 29 अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

बिजली कर्मचारी नेताओं और ऊर्जा विभाग की इस लड़ाई में आम आदमी परेशान हैं। स्कूली बच्चों का एग्जाम हैं। इन्वर्टर बैटरी भी अब चार्ज नहीं रह गई है। लखनऊ समेत प्रदेश के सभी शहरों में नाराज लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने लगे हैं। स्थिति यह है कि नाराज लोगों ने नेशनल हाईवे तक जाम करना शुरू कर दिया है। प्रशासन और पुलिस के लिए भी अब स्थिति संभालने में दिक्कत हो रही है।

वाराणसी में परेशान महिलाओं ने रोका ट्रैफिक

वाराणसी में भी बिजली कर्मियों की हड़ताल जारी है। पानी और मोबाइल चार्जिंग को तरस रहे लोग अब सड़कों पर उतरकर चक्का जाम कर रहे हैं। स्थानीय लोग यात्रियों और राहगीरों का रास्ता रोक रहे हैं। वाराणसी में आम जन-जीवन प्रभावित है। वहीं, बिजली न होने से अब ई-रिक्शा भी सड़कों से गायब हो गए हैं। ई-रिक्शा चार्ज नहीं हो पा रहे हैं, जहां-तहां खड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, CNG और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो चल रहे हैं।

साभार दैनिक भास्कर

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