लखनऊ

बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम समेत इन दो चेहरों को सौपीं यूपी लोकसभा की कमान

Arun Mishra
27 Dec 2018 4:09 AM GMT
बीजेपी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम समेत इन दो चेहरों को सौपीं यूपी लोकसभा की कमान
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BJP National VP Dushyant Gautam
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत उत्तर प्रदेश में गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा को प्रभारी नियुक्त किया गया है।

नई दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बुधवार को 17 राज्यों के लिए पार्टी प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत उत्तर प्रदेश में गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा को प्रभारी नियुक्त किया गया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को सपा तथा बसपा के संभावित गठबंधन से कठिन चुनौती मिलने की संभावना है।

जानें- कौन हैं दुष्यंत गौतम

1 - दुष्यंत गौतम बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। इससे पहले दुष्यंत गौतम तीन बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। दुष्यंत कुमार गौतम का जन्म 29 सिंतबर 1957 को दिल्ली के पदम सिंह गौतम के घर हुआ। इन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी कर दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढा़ई पूरी की। इसी दौरान वे छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और एवीबीपी के सदस्य बन गए।

जिस समय दुष्यंत ने राजनीति में कदम रखा, उस समय देश में आपातकाल लगी हुई थी। अपनी पढा़ई खत्म कर वे एवीबीपी के मंडल अध्यक्ष बने। इस दौरान उन्होंने दलित मुद्दों को बखुबी उठाकर लोगों के सामने रखा जिसके बाद उन्हें अनुसूचित मोर्चे का उपाध्यक्ष बना दिया गया। जिसके बाद दुष्यंत गौतम तीन बार भाजपा अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। और अब बीजेपी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर मौजूद हैं।

दुष्यंत ने हमेशा ही अपने राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्श को अपनाकर कार्य किया। साथ ही उन्होंने चुनावी राजनीति की जगह संगठन में काम करने पर जोर दिया।

2 - गोवर्धन झडापिया गुजरात के एक वरिष्ठ नेता हैं। 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान झडापिया राज्य के गृहमंत्री थे। झडापिया ने 2007 में पार्टी छोड़ दी थी और अपनी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ा था लेकिन 2014 में वह वापस पार्टी में शामिल हो गए थे। गोवर्धन विश्व हिंदू परिषद् में थे और उन्हें प्रवीण तोगड़िया का करीबी माना जाता है।

3 - नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश से हैं और शिवराज कैबिनेट में लगातार मंत्री रहे हैं। 2005 में मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के मंत्रिमंडल में उन्हें राज्यमंत्री का पद मिला। उसके बाद वे शिवराज सिंह मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए गए और उसके बाद 15 साल तक लगातार कैबिनेट मंत्री रहे।

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