लखनऊ

लम्बे- चौड़े भाषण से 125 करोड़ के देश को कोई राहत नहीं - मायावती

Special Coverage News
15 Aug 2018 4:55 PM IST
बसपा सुप्रीमों मायावती
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बसपा सुप्रीमों मायावती

लखनऊ : स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले के प्राचीर से देश को किये गये उद्बोधन को पूर्ण रुप से राजनीतिक शैली का चुनावी भाषण बताते हुये बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि इनके लम्बे-चैड़े भाषण से सवा सौ करोड़ के देश को ना तो नई ऊर्जा मिल पाई है और ना ही कोई नई उम्मीद बल्कि प्रधानमंत्री देश की आम जनता को उसके जान-माल व मज़हब की सुरक्षा की अति-महत्त्वपूर्ण संवैधानिक गारण्टी का आश्वासन देना भी भूल गये जबकि यह आज देश की आवश्यकता नम्बर वन बन गई है।

प्रधानमंत्री के लाल किले के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने आज अपने बयान में कहा कि उन्हें ऐसा राजनीतिक भाषण संसद में देना चाहिये था ताकि वहाँ सरकार का उत्तरदायित्व तय हो सके तथा उनकी सरकार के अनेकों प्रकार के दावों की सत्यता की कसौटी पर परखा जा सके।


मायावती ने कहा कि बीजेपी केन्द्र सरकार को अपनी नीति व कार्यकलापों के पूर्ण रूप से जनोपयोगी होने का हिसाब-किताब संसद में जरूर देना चाहिये तथा लाल किले का भाषण देश को नई उम्मीद जगाने व नया विश्वास दिलाने के लिये होना चाहिये जो चुनौतियाँ देश के सामने हैं या आगे आने वाली है। लाल किले के वार्षिक भाषण को राजनीतिक स्वार्थ के लिये इस्तेमाल नहीं किया जाता तो बेहतर होता, लेकिन ऐसा लगता है कि बीजेपी अपनी संकीर्ण व विद्वेष की राजनीति से कतई ऊपर उठकर काम करने वाली नहीं है। आने वाले चुनाव को देखकर तो ये और भी ज्यादा असंभव लगता है।


मायावती ने कहा कि वैसे गरीबी महंगाई व बेरोजगारी आदि की भयंकर समस्या के साथ-साथ वर्तमान में व आज की असली चिन्ता एवं समस्या खासकर विश्व की बहुत ही तेज़ी से बदलती हुई राजनीतिक परिस्थिति व व्यापार के जारी संकट के हालात हैं, जिससे पेट्रोल व डीजल के साथ-साथ भारतीय मुद्रा व विदेशों में बसे भारतीय बहुत ही ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, परन्तु प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला है जबकि पूरी दुनिया की राजधानियों में इसकी गूंज है व यूरोप के सम्पन्न देशों सहित विश्व का लगभग हर स्वाभिमानी देश काफी ज्यादा चिन्तित व परेशान हैं। इस मसले पर माननीय प्रधानमंत्री जी देश को विश्वास में लेना भूल गये क्योंकि बीजेपी सरकार पर हर समय राजनीति व चुनावी स्वार्थ ही हावी रहता है। यह बहुत ही दुःखद है कि वे अपने पूरे भाषण में अपनी सरकार के सवा चार साल का ही बखान करते रहे जैसाकि वे अपनी रैलियों व चुनावी सभाओं में तथा अक्सर संसद में भी एकतरफा तौर पर करते रहते हैं।


मायावती ने कहा कि अपने देश में जो कुछ भी हो रहा है उसे अच्छा बताकर उसका सारा श्रेय अपने आपको देने की कला का एक बार फिर उदाहरण पेश करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शायद यह भूल जाते हैं कि देश में जो कुछ अच्छा हो रहा है उसका श्रेय स्वयं लेंगे व उनकी पार्टी के लोग उसका सारा श्रेय उन्हें देने के लिये आपसी होड़ में ही लग रहेंगे तो देश में जो भी गलत, अनर्थ, दुखःद व दुर्भाग्यपूर्ण आदि हो रहा है वह सब भी, उनके लाख नहीं चाहने के बावजूद भी, उन्हीं के ही खाते में जरूर जायेगा और उसके लिये उन्हें तैयार रहने की भी जरुरत है तभी लोकतान्त्रिक देश में देशहित में बात बनेंगी।

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