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लोक कल्याण मित्र की नियुक्ति करना सरकारी धन का खुला दुरुपयोग है - मायावती

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा अभी हाल ही में ''सरकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार व फीडबैक'' के लिये ''लोक कल्याण मित्र'' नियुक्त करने को सरकारी धन का खुला दुरुपयोग बताते हुये बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि प्रदेश के सभी ब्लाकों में इस प्रकार की नियुक्ति यह साबित करती है कि बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी में धरातल पर जोश नहीं रहा तथा इनके कैडर को पार्टी एक प्रकार से मुर्दा ही मान रही है।
प्रदेश मन्त्रिमण्डल द्वारा अभी हाल ही में लिये गये इस फैसले पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने अपने बयान में कहा कि प्रथम दृष्टया यह सरकार की विफलता है कि सरकारी ख़ज़ाने का अरबों-खरबों रूपया प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक व डिजिटल मीडिया पर खर्च करने के बावजूद इनकी योजनाओं की लोगों को जानकारी नहीं है और अगर जानकारी नहीं है तो जरुरतमन्द लोगों को इसका लाभ ही नहीं मिल पा रहे हैं।
मायावती ने कहा इस प्रकार विपक्षी पार्टियों का इस मामले में आरोप सही साबित हो रहा है कि बीजेपी की केन्द्र व राज्य में सरकार होने के बावजूद उत्तर प्रदेश भी लगातार पिछड़ता ही चला जा रहा है क्योंकि विकास व जनहित की इनकी योजनायें पूरी तरह से कागजी साबित हो रही हैं। इसके साथ ही अपराध-नियन्त्रण व कानून-व्यवस्था तथा इसके साथ ही महिला सुरक्षा व सम्मान के मामले में तो यह सरकार फिसड्डी है ही, जो कि हर स्तर पर प्रमाणित है।
मायावती ने कहा हर ब्लाक में एक ''लोक कल्याण मित्र'' को 25 हजार रुपये व 5000 हजार रुपये प्रतिमाह यात्रा भत्ता के आधार पर नियुक्ति वास्तव में जनहित के साथ मजाक ही माना जायेगा तथा केवल कुछ अपने-चहेतों को वक्ती तौर पर तुष्टिकरण करने का उपाय मात्र। इससे जनहित व विकास का कुछ भी भला होने वाला नहीं है।
मायावती ने कहा बीजेपी की केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा केवल शिलान्यास करके जनता को भ्रमित करने व छलते रहने का प्रयास नहीं करना चाहिये बल्कि ठोस उपायों व बजटीय प्रावधानों के साथ जनहित व विकास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिये और इन मामलों में केन्द्रीय नेतृत्व को अपना वायदा जरूर निभाना चाहिये कि केन्द्र व प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर विकास की गंगा बहा दी जायेगी, प्रदेश का पिछड़ापन दूर कर दिया जायेगा तथा लोगों को रोजगार मुहैया कराये जायेंगे व पलायन को रोका जायेेगा आदि, जो अभी तक भी एक लुभावना वायदा व अच्छे दिन लाने का बुरा सपना ही बना हुआ है।
मायावती ने कहा इसके अलावा लोक कल्याण मित्रों की नियुक्ति का फैसला यह भी साबित करता है कि प्रदेश व देश की मेहनतकश आमजनता अब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व को सुनना पसन्द कर रही है और ना ही उनकी बातों पर भरोसा कर रही है जिस कारण ही ये नयी डेलीवेज व्यवस्था बीजपी सरकार द्वारा शुरू की गई है, यह बीजेपी की फिजूलखर्ची का नया नमूना है जबकि सरकारी स्तर पर खाली पड़े हजारों पदों को भरकर युवको को रोजगार देने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है जो कि नितान्त आवश्यक है।