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मंत्री जी, शिक्षा मित्र अनुदेशक आपसे मांग रहा है दो जून की रोटी

आज दो जून है आज उत्तर प्रदेश का शिक्षा मित्र दो जून की रोटी मांग रहा है। शिक्षा मित्र अनुदेशक राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से #शिक्षामित्र_चाहे_जून_की_रोटी का ट्विटर ट्रैंड चलाकर अपनी मांग कर रहा है।
जबकि देश में दो जून की रोटी को लेकर भी ट्रैंड चल रहा है। आज शिक्षा मित्र अनुदेशक बेरोजगार है। आज उसे मानदेय नहीं मिल रहा है जबकि काम के फेहरिस्त की सूची काफी लंबी है। लेकिन फिर भी काम करने से पीछे नहीं हटाता है। शिक्षा मित्र अनुदेशक लगातार सरकार से मांग कर रहा है कि उसे उसका हक दिया जाए लेकिन सरकार कोई सार्थक आन्सर भी नहीं देती है। '
आज एक वीडियो केंद्रीय मंत्री का भी वायरल हो रहा है जिसमें वो शिक्षा मित्रों के सवाल पर कह रहे है कि पहले आप हमें 2024 में वोट करो तब हम आपके बारे में सोचेंगे। इससे पहले भी 2014 में 2017 ममें 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा , पूर्व ग्रहमन्त्री राजनाथ सिंह द्वारा और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दो बार आशस्वत किया जा चुका है लेकी नतीजा ढ़ाक के तीन पात रहा है। हालांकि इस बार मंत्री जी ने खलकर कहा है कि आपने पिछले 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव का साथ दिया है इसलिए हम आपका काम नहीं करेंगे।
अब बात आती है दो जून की रोटी की तो इससे पहले अनुदकेशक दस वर्ष और शिक्षा मित्र 20 वर्ष से यूं ही दो जून की रोटी को भटकता रहा है लेकिन उसकी फ़रियाद किसी ने नहीं सुनी लेकिन इतना तय है कि अगर यह दो लाख परिवार यूपी में यू ही नाराज बने रहे तो बीजेपी को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। क्योंकि इसकी बानगी इन्होंने 2022 के चुनाव में दी है जिसे मंत्री जी कह रहे है न की अनुदेशक और शिक्षा मित्र कह रहा है।
पिछले चुनाव 2017 में सपा को 1 करोड़ 93 लाख वोट मिला था लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा को 3 करोड़ 36 लाख वोट मिला है जो अब तक का सबसे ज्यादा वोट मिला है। सीट जरूर सपा को कम मिली है लेकिन वोट में बड़ा अंतर नहीं रहा है अगर यही हाल रहा तो लोकसभा चुनाव में लोकसभा सीटों में भारी फेरबदल हो जाएगा। इससे बीजेपी को सीख लेते हुए अनुदेशक और शिक्षा मित्रों की बात को मान लेना बेहतर होगा। नहीं तो विपक्ष लोकसभा चुनाव में कुछ नया खेल न कर दे।




