लखनऊ

लोकसभा संग्राम 85– 2019 के आमचुनाव में मोदी के विजय रथ को ये राज्य रोक रहे है

Special Coverage News
19 March 2019 2:14 AM GMT
लोकसभा संग्राम 85– 2019 के आमचुनाव में मोदी के विजय रथ को ये राज्य रोक रहे है
x
मतलब 214 में से मोदी की भाजपा ने 184 सीटें यहां से ओर कुल 282 सीटें जीत देश में पहली बार बहुमत वाली साम्प्रदायिक सरकार बनाई,जो अब अंत में अल्पमत में आ गई थी। मोदी की भाजपा यह भी दुष्प्रचार कर रही है कि नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष लामबंध हो रहा है

लखनऊ से तौसीफ़ कुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ। बिखरे विपक्ष का लाभ उठाकर 2014 में सरकार बनाने वाली मोदी की भाजपा के लिए 2019 में एकजुट होकर विपक्ष कर रहा है नाक में दम मोदी एण्ड शाह कंपनी को कुछ सूझ नही रहा कि एकजुट हो रहे विपक्ष का मुकाबला करने के लिए क्या रणनीति बनाई जाए ?

चौकीदार चोर है के नारों से दुखी मोदी की भाजपा ने बनाया नया नारा मैं भी चौकीदार जबकि कांग्रेस का कहना है कि चौकीदर अमीरों के लिए होता है ग़रीबों के लिए नही इसी लिए मोदी सरकार अमीरों की चौकीदारी कर रही है हम तो पहले से ही कह रहे है कि ये सरकार अमीरों की है।2019 के आमचुनाव में ऐसा फिर हो जैसा 2014 में हुआ था इसकी संभावना बिल्कुल नहीं लग रही है।यूपी बन रहा सबसे बड़ा रोड़ा अर्थात हर हालत में मोदी की भाजपा सरकार का जाना तय माना जा रहा है।यूपी के हालात पर अगर गौर करें तो यहां अलग ही परिदृष्य बनता दिख रहा है बसपा सबसे ताकतवर बनकर उभरती नजर आ रही है क्योकि सपा कंपनी बसपा के सामने लेटने जैसी मुद्रा में है बसपा 38 सीटों पर लड़ रही है और सपा 37 सीटों पर और RLD 3 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ रही है यूपी का BSP, SP, और RLD का मिलकर चुनाव लड़ना मोदी की भाजपा के लिए दिल्ली की कुर्सी को दूर कर रहा है ऐसा ज़मीन पर दिख रहा है।


बिहार में राष्ट्रीय जनता दल काफी मजबूत होकर उभर रहा है नीतिश की हालत पतली हो रही है तो वहां 2014 में चालिस सीटों में से बाईस सीट जीतने वाली मोदी की भाजपा दो सीट जीतने वाले नीतीश कुमार को मजबूरन अपना समक्षक मान रही है मतलब हालात वहां भी साजगार नही है।राजनीतिक मौसम विज्ञानिक के नाम से पहचान बनाने वाले राम विलास पासवान जिनके पास छे:सीट है तीनों मिलकर चुनाव में जा रहे है राजग 17-17-6 के फ़ार्मूले पर लड़ रहे है यूपीए में राजद, कांग्रेस, माँझी व कुशवाह मिलकर लड़ने की बात कर रहे है।बात करते है मोदी के गुजरात की जहां गत विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस ने मोदी की भाजपा के दांत खट्टे कर दिए थे।


हालाकि वहां सरकार मोदी की भाजपा की ही बनी पर पहले जैसे नही बहुत ही कांटे का मुकाबला हुआ था तो इस लिए वहां भी 2014 जैसे हालात नही है कि 26 में से 26 ही भाजपा जीत गई थी अब ऐसा नही है मध्य प्रदेश , राजस्थान व छत्तीसगढ़ जहां 29 में से 27 ओर 25 में से 25 11 में से 11 जीत गई थी।विधानसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों को कांग्रेस ने मोदी की भाजपा से राज्य छीन लिए बात करते झारखण्ड की जहां 14 में से 13 सीट मोदी की भाजपा के पास है वहां भी गठबंधन मजबूत दिखाई दे रहा है राजद, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस मिलकर अच्छी हालत में है इन राज्य में कुल मिलाकर 214 में से 184 सीट मोदी की भाजपा के पास छे:राज्यों में है यहां यह भी बताना उचित है कि बाकी पूरे देश से मोदी की भाजपा के पास मात्र 100 सीट है कुल मिलाकर बाक़ी हिस्सों में हालत बहुत पतली है।


मोदी के पास कुल सीटों की संख्या 282 थी जो घटकर 270 रह गई है।क्या अब के हालात में कहा जा सकता है कि मोदी की भाजपा इन राज्यों में इतनी सीटे पाने की स्थिति में है अगर आँखों पर पट्टी भी बांध ली जाए तो भी मोदी की भाजपा के 2014 जैसे हालात नही है। तो फिर कहां से मोदी की भाजपा की वापसी हो रही है यह बात सब समझ रहे है इस लिए मोदी व शाह कंपनी परेशान ओर बेहाल नजर आ रही है तरह-तरह के फ़ार्मूले पेश किए जा रहे है जनता सब समझ रही है कि ये 56 इंच की छाती पूरे पाँच कहाँ थी अब जो कुछ हो रहा है ये सब 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर हो रहा है।किस राज्य से मोदी की भाजपा ने कितनी सीटें जीती ये है।

राज्य सीटें भाजपा जीती


राज्य लोकसभा सीटें 2104 में बीजेपी ने जीती
उत्तर प्रदेश 8073
बिहार 4022
गुजरात 2626
मध्यप्रदेश 2927
झारखंड 1413
राजस्थान 2525


मतलब 214 में से मोदी की भाजपा ने 184 सीटें यहां से ओर कुल 282 सीटें जीत देश में पहली बार बहुमत वाली साम्प्रदायिक सरकार बनाई,जो अब अंत में अल्पमत में आ गई थी। मोदी की भाजपा यह भी दुष्प्रचार कर रही है कि नरेन्द्र मोदी को रोकने के लिए पूरा विपक्ष लामबंध हो रहा है जबकि कभी इसी तरह कांग्रेस के खिलाफ भी विपक्ष लामबंध हुआ करता था उसी विपक्ष का हिस्सा जबकि भाजपा भी होती थी यह बात अलग है जबकि भाजपा उस विपक्ष का छोटा सा हिस्सा होती थी जिसके होने या न होने से कोई फर्क नही पड़ता था यहां फर्क यह है कि कांग्रेस विपक्ष की मुख्य दल है।तब विपक्ष के लामबंध होने से भी वह कांग्रेस का कुछ बिगाड़ नही पाते थे एक दो अपवाद को छोड़कर विपक्ष के हाथ कुछ नही लगता था हो सकता है इस एकजुटता के भी कुछ हाथ न लगे पर जितनी बोखलाट विपक्ष की एकता को लेकर मोदी की भाजपा में देखी जा रही है उससे यही लग रहा है कि काम लग चुका है बस समय का इंतजार हो रहा है अब देखना है कि भाजपा क्या कुछ करती है हर वर्ष दो करोड़ युवकों रोजगार देने का वादा कोरी चुनावी घोषणा ही साबित हुई कहने को तो यह भी कहा जा सकता है कि कुछ करने के नाम पर मोदी सरकार फेल रही है किसी भी मोर्चे पर कोई उपलब्धि नही है हा सिर्फ हिन्दू-मुसलमान के बीच खाई पैदा करने की तो उपलब्धि है जो कही जा सकती है कि आजादी के बाद से अब तक नही हुआ वह सब कर दिया है मोदी सरकार ने जो इस देश में प्यार मौहब्बत से रहते आए उनके बीच नफरत की दीवार खड़ी करने में बहुत कुछ किया जिसे सदियां याद करेंगी।

Next Story