लखनऊ

UP Zila Panchayat Chunav 2021: मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू ने थामा बीजेपी का दामन, जिला पंचायत अध्‍यक्ष का मुकाबला होगा दिलचस्प

Shiv Kumar Mishra
22 Jun 2021 1:03 PM IST
UP Zila Panchayat Chunav 2021: मुलायम सिंह यादव की पुत्रवधू ने थामा बीजेपी का दामन, जिला पंचायत अध्‍यक्ष का मुकाबला होगा दिलचस्प
x

उत्तर प्रदेश में 3 जुलाई को 75 ज़िला पंचायत अघ्यक्ष पद के लिए चुनाव है. 3050 ज़िला पंचायत सदस्य अपने ज़िलों में अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. यूपी में जोड़ तोड़ की राजनीति शुरू हो चुकी है, कई ज़िलों में बीजेपी को बहुमत नहीं है. बीजेपी जीत का दावा कर रही है तो सपा प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रही है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव का बिगुल बज चुका है। अभी तक यही संभावना जताई जा रही है कि सिर्फ समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के ही प्रत्याशी के बीच मुकाबला होगा। ऐसी स्थिति में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्‍मीद है। एक-एक वोट के लिए मैदान में उतरने वाले दोनों प्रत्याशियों को जिद्दोजहद करनी पड़ेगी।

सपा और भाजपा के नेताओं की साख दांव पर

समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की साख भी दांव पर लगी है। दोनों ही पार्टी अपने प्रत्याशी को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे। समाजवादी पार्टी ने मालती यादव तो भारतीय जनता पार्टी ने डा. वीके सिंह को मैदान में उतारा है।

जीत के लिए सदस्‍यों के समर्थन का जादुई आंकड़ा

जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट जीतने के लिए 84 में 43 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है। यह जादुई आंकड़ा समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पास अभी नहीं है। दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी समेत नेता पूरे जी-जान से इस जादुई आंकड़े को जुटाने में लगे हैं। जिला पंचायत सदस्यों से मुलाकात कर उनका समर्थन मांग रहे हैं। सदस्य भी उनको समर्थन देने का आश्वासन दे रहे हैं।

मुलायम सिंह यादव की पूर्व वधू मोनिका यादव ने समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से समर्थन हासिल कर लिया है। यह जानकारी मिलते ही भाजपाइयों में खुशी का माहौल व्याप्त हो गया जबकि सपाइयों में मायूसी छा गई। अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव के समीकरण बदल गए हैं। मोनिका यादव बदायूं से पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव की पूर्व पत्नी हैं।

समाजवादी पार्टी से दिया इस्तीफा

मोनिका यादव शुक्रवार शाम करीब 3 बजे जिला भाजपा कार्यालय में अकेली पहुंची। भाजपा जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता ने मोनिका यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की। गुप्ता ने बताया की कोर कमेटी एवं प्रदेश नेतृत्व ने निर्दलीय प्रत्याशी मोनिका यादव को समर्थन देने का फैसला किया है। मीडिया की तरफ से पूछे जाने पर मोनिका यादव ने बताया कि मैंने समाजवादी पार्टी की सक्रिय सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।

भाई और पिता के सवालों पर काटी कन्नी

भाई एवं पिता के सपा में होने के बारे में पूछे जाने पर मोनिका ने बताया की यह बात आप उनसे पूछिए। हमने व्यक्तिगत निर्णय लेकर भाजपा से चुनाव के लिए समर्थन लिया है। मैं हर हालत में जिला पंचायत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतूंगी। मेरे पास चुनाव जीतने के लिए पूर्ण बहुमत है। वार्ता के दौरान सांसद मुकेश राजपूत, विधायक सुशील शाक्य ,मेजर सुनील दत्त दिवेदी, नागेन्द्र सिंह राठौर , अमर सिंह खटीक, पूर्व विधायक कुलदीप गंगवार, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ भूदेव सिंह राजपूत, दिनेश कटियार, संजीव गुप्ता, हिमांशु गुप्ता और शिवांग रस्तोगी मौजूद रहे।

बदला चुनाव का समीकरण

अब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के समीकरण बदल गए हैं। डॉ सुबोध यादव यादव का मोनिका यादव से कड़ा मुकाबला होगा। अभी तक डॉ सुबोध यादव की जीत आसान मानी जा रही थी लेकिन भाजपा ने सपा को मात देने के लिए मोनिका यादव को 4 वोटों के साथ ही पार्टी की ताकत भी दे दी है। उधर मोनिका के पिता और सपा के पूर्व विधायक नरेंद्र सिंह यादव एवं भाई सचिन यादव पर सपा की कार्रवाई की तलवार लटक गई है। सूत्रों की मानें तो समाजवादी उनको बाहर भी कर सकती है।

समर्थन जुटाने के लिए लग रहा ऐड़ी-चोटी का जोर

यही वजह है कि दोनों ही दल यह दावा कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत से अधिक जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन हैं। हालांकि यह तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि किसका दावा सही था। फिलहाल जादुई आंकड़ा जुटाने के लिए दोनों ही पार्टियों के नेता भीतर ही भीतर एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं।

Next Story