लखनऊ

नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को MP , MLA कोर्ट ने जेल भेजा.

Shiv Kumar Mishra
19 Jan 2021 12:34 PM GMT
नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को MP , MLA कोर्ट ने जेल भेजा.
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कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व मंत्री राम अचल राजभर को MP , MLA कोर्ट ने जेल भेज दिया है.

एमपी-एमएलएम स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 21 अक्टूबर को पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Naseemuddin Siddiqui), राम अचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) को भगोड़ा घोषित कर दिया था। तो वहीं अब स्पेशल कोर्ट ने उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को नियत की गई है। बता दें कि कोर्ट ने यह फैसला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं और उनकी बेटी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में सुनाया है।

खिलाफ भी जारी किया था गिरफ्तारी वारंटबता दें कि 12 जनवरी, 2018 को इस मामले में इन सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 509, 153ए, 34, 149 व पॉक्सो एक्ट की धारा 11 (1) के तहत भी आरोप पत्र दाखिल किए गए थे, लेकिन तबसे वे न तो कोर्ट में उपस्थित हुए और न ही जमानत कराई। इस केस में बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम समेत नौशाद अली व अतहर सिंह राव के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था।

पहले किया था गैरजमानती वारंट जारी

गिरफ्तारी वारंट जारी करने के साथ ही स्पेशल कोर्ट ने कुर्की नोटिस जारी करने का भी आदेश दिया था। इससे पहले इस मामले में जमानत हाजिरी माफ़ी की अर्जी न देने पर विशेष कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर, अतर सिंह, मेवालाल गौतम और नौशाद अली के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।

क्या कहा MP-MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने...

तो वहीं, अब एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने कहा कि दोनों आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी होने और भगोड़ा घोषित होने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे हैं। इस स्थिति उनका हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है। कोर्ट ने दोनों को फरार घोषित कर संबंधित थाना प्रभारी को उनकी संपत्ति कुर्क कर 22 फरवरी तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।

ये है पूरा मामला

22 जुलाई, 2016 को मामले में नामजद एफआईआर दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज में दर्ज कराई थी। उन्होंने एफआईआर में नसीमुद्दीन, राम अचल राजभर व मेवालाल समेत बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को भी नामजद किया था। इसके मुताबिक 20 जुलाई, 2016 को बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा में उन्हें, उनकी बेटी, उनकी बहू व नातिन तथा उनके परिवार की सभी महिलाओं को अपशब्द कहे। जबकि, इसके दूसरे दिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी, रामअचल राजभर व मेवालाल की अगुवाई में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित आंबेडकर प्रतिमा पर उनके पुत्र दयाशंकर सिंह को मां व बहन की अपशब्द और अभद्र टिप्पणी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। वर्ग और जातीय भेद बताते हुए भीड़ को हिंसा के लिए उत्तेजित किया। दयाशंकर की 12 वर्षीय बेटी के लिए खुलेआम अमर्यादित नारे लगाए जो दुष्कर्म की श्रेणी में आते हैं।

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