लखनऊ

प्रदेश में नए डीजी स्पेशल बन सकते है प्रशांत कुमार, मौजूदा डीजपी का कार्यकाल 31 मार्च को होगा खत्म

Shiv Kumar Mishra
30 March 2023 8:33 AM GMT
प्रदेश में नए डीजी स्पेशल बन सकते है प्रशांत कुमार, मौजूदा डीजपी का कार्यकाल 31 मार्च को होगा खत्म
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प्रशांत कुमार यूपी में तेज तर्रार अधिकारियों में गिने जाते है।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान (Acting Director General of Police DS Chauhan) 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई कि यूपी का अगला डीजीपी कौन होगा? क्या यूपी को परमानेंट डीजीपी मिलेगा? फिलहाल, पुलिस में परमानेंट डीजीपी (DGP) की दौड़ के बीच एक बार फिर स्पेशल डीजी का पद चर्चा में है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी कैडर के 1990 और 1991 बैच के 14 IPS के नाम स्पेशल डीजी के लिए भेजे गए हैं। इनमें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार (ADG Law and Order Prashant Kumar) का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है।

सूत्रों की माने, तो स्पेशल डीजी के लिए प्रशांत कुमार का नाम शासन स्तर पर फाइनल है। फाइल यूपी सरकार की टेबल पर है। ऐसे में एक-दो दिन में प्रशांत कुमार की स्पेशल डीजी के पद पर तैनाती हो सकती है। इसकी वजह है कि वह पुलिस मुख्यालय में सबसे सीनियर अफसरों में से एक हैं। सिर्फ यही नहीं,चाहे किसान आंदोलन के दौरान हुआ लखीमपुर कांड हो या विकास दुबे का बिकरू कांड सभी मामलों को कानून व्यवस्था संभाल रहे प्रशांत कुमार ने बखूबी हैंडल किया है।

पिछले वर्ष मई महीने में भेजा गया था प्रस्ताव

​​​​​​स्पेशल डीजी को लेकर मई 2022 में सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया था। इस बीच नए डीजीपी की नियुक्ति होने के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन नए डीजीपी के पैनल को लेकर कई कानूनी दांव पेंच हैं। 31 मार्च को डीजीपी डीएस चौहान का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उनके अस्थाई डीजीपी होने के चलते सेवा विस्तार मिलने की संभावनाएं न के बराबर हैं। उनको सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने की चर्चा है।

लोकसभा चुनाव में कानून व्यवस्था बनेगी चुनौती

वहीं, अगले कुछ महीनों में सीनियर आईपीएस अफसरों के रिटायर होने के बाद नियमानुसार पैनल तैयार कर स्थाई डीजी देने की बात कही जा रही है, जो लोकसभा के चुनाव में प्रदेश की लॉ एंड आर्डर की बागडोर बखूबी निभा सके। इसके लिए प्रशांत कुमार परफेक्ट बताए जा रहे हैं।

इससे पहले बसपा सरकार ने बनाया गया था स्पेशल डीजी

स्पेशल डीजी का पद सबसे पहले यूपी में बसपा सरकार में बनाया गया था। उन्होंने एडीजी लॉ एंड आर्डर बृजलाल को पहले स्पेशल डीजी बनाया। उसके बाद एक्टिव डीजी बना दिया। इस बार भी स्पेशल डीजी को लेकर यही कसाय लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही इस पर फैसला ले लिया जाएगा।

डीजी रैंक का पद नहीं खाली, रुका है कई अधिकारियों का प्रमोशन

1990 बैच के यूपी में कार्यरत छह आईपीएस संदीप सालुंके, रेणुका मिश्रा, बीके मौर्या, एसएन साबत, अविनाश चंद्रा और डॉ. संजय एम. तरडे को डीजी पद पर प्रमोट किया जा चुका है। जबकि इसी बैच के प्रशांत कुमार, एम के बशाल, तनुजा श्रीवास्तव, एसके माथुर, अंजू गुप्ता और सुभाष चंद्रा का डीजी पद खाली न होने के चलते प्रमोशन रुका हुआ है। इसके चलते ही स्पेशल डीजी का पद सृजित होने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। अब देखना यह होगा कि प्रदेश को अगला डीजीपी कब मिलेगा या फिर स्पेशल डीजी संभाल लेंगे कमान?

अभी तक कयास लगाया जा रहा था कि डीजीपी डीएस चौहान को सेवा विस्तार मिलेगा लेकिन उसमें एक अडचन आने की उम्मीद से सेवा विस्तार मे कुछ अंदेशा नजर आ रहा है बाकी सरकार जो चाहे करें कौन रोक सकता है।

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