लखनऊ

ताबड़तोड़ फायरिंग से दहला लखनऊ, प्रॉपर्टी डीलर दुर्गेश यादव की हत्या

Arun Mishra
2 Sep 2020 7:03 AM GMT
ताबड़तोड़ फायरिंग से दहला लखनऊ, प्रॉपर्टी डीलर दुर्गेश यादव की हत्या
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हत्याकांड में मुख्य हत्यारोपित मनीष यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर 14 स्थित बरौली क्रॉसिंग के पास बुधवार ह दिन दहाड़े एक प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शुरुआत जांच में पुलिस को पैसे को लेनदेन को लेकर हत्या किए जाने का शक है। मृतक दुर्गेश यादव पर ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिसके बाद उन्हें ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस घटना के पीछे प्रापर्टी विवाद बता रही है। वहीं, हत्याकांड में मुख्य हत्यारोपित मनीष यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है।

ये है पूरा मामला

मामला पीजीआइ थाना क्षेत्र में वृंदावन कालोनी सेक्टर-14 का है। यहां स्थित गृह विभाग में समीक्षा के पद पर तैनात अजय कुमार यादव का मकान है। मूलरूप से गोरखपुर के गोला गांव निवासी प्रापर्टी डीलर दुर्गेश यादव (32) स्विफ्ट कार से मंगलवार रात मकान में किराए पर रहने वाले दोस्तों ने मिलने के लिए आया था। आरोप है कि बुधवार सुबह पलक ठाकुर नाम की महिला अपने साथी मनीष और पांच-छह लोगों के साथ दो स्कॉर्पियों से वहां पहुंच गई। सभी लोग घर में घुस गए, उस समय दुर्गेश बाथरूम में था, जैसे ही वह बाहर निकला उसे पीटने लगे। घर के नीचे सड़क पर रुपये के लेनदेन में इनका आपस में विवाद हो गया। देखते ही देखते मनीष ने दुर्गेश को गोली मारी दी।

किरायेदार सोबेंद्र के मुताबिक, सुबह लगभग 8:30 बजे दो स्कॉर्पियों कार से महिला समेत पांच-छह लोग दुर्गेश को खोजते हुए आए। पहले उसके कमरे में किसी बात पर विवाद हुआ। उसके बाद सब लोग बाहर आ गए। इसी दौरान कहासुनी के बाद एक ने दुर्गेश के पेट में गोली मार दी।

एसीपी कैंट बीनू सिंह के मुताबिक, घटना स्थल से दुर्गेश को अस्पताल ले जाते समय उससे पूछताछ की गई तो उसने पलक और मनीष का नाम बताया। दुर्गेश के पेट में गोली लगी थी, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मौके से एक खोखा बरामद किया है।

मृतक पर दर्ज हैं मुकदमें

डीसीपी चारु निगम के मुताबिक, मृतक दुर्गेश के खिलाफ वर्ष 2018 में हजरतगंज कोतवाली में 406, 420 आइपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज था। सीओ कैंट डॉ. बीनू सिंह ने बताया कि दुर्गेश के कमरे से सचिवालय में नौकरी लगवाने के तमाम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

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