लखनऊ

यूपी में योगी सरकार के काम की समीक्षा कर दिल्ली लौटे शीर्ष नेता, दिया ये 'फीडबैक'

Arun Mishra
2 Jun 2021 9:52 AM GMT
यूपी में योगी सरकार के काम की समीक्षा कर दिल्ली लौटे शीर्ष नेता, दिया ये फीडबैक
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दिल्ली के दोनों नेताओं ने सोमवार को योगी आदित्यनाथ से और मंगलवार की सुबह अलग-अलग दोनों उप मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भाजपा की समीक्षा करने आए पार्टी के शीर्ष नेताओं ने राज्य सरकार के कार्यों की प्रशंसा की है. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष (BL Santosh) ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य में कोरोना की घातक दूसरी लहर को प्रभावी ढंग से काबू में किया. पांच सप्ताह के भीतर दैनिक मामलों की संख्या में 93 प्रतिशत की कमी आई है.

लखनऊ से दिल्ली लौटे भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने ट्वीट कर कहा, "पांच हफ्तों में उत्तर प्रदेश ने नए दैनिक मामलों की संख्या में 93% की कमी की... याद रखें कि यह 20+ करोड़ आबादी वाला राज्य है. जब नगर पालिका के सीएम 1.5 करोड़ आबादी वाले शहर का प्रबंधन नहीं कर सके, तो योगीजी ने काफी प्रभावी ढंग से महामारी को संभाला है."

बता दें कि यह ट्वीट उन अफवाहों के बीच आया है, जहां कहा जा रहा था कि बीजेपी के शीर्ष नेता यूपी में शीर्ष कमान पर बदलाव पर विचार कर रहे हैं, जिसमें मुख्यमंत्री या उनके दो डिप्टी को बदलना शामिल हो सकता है. सूत्रों ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है कि चुनाव से पहले तीनों को बदल दिया जाएगा. बीएल संतोष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने कल शाम समाप्त हुई "समीक्षा" अभ्यास में यूपी के मंत्रियों से मुलाकात की.

दिल्ली के दोनों नेताओं ने सोमवार को योगी आदित्यनाथ से और मंगलवार की सुबह अलग-अलग दोनों उप मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की. उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने बैठक के बाद एक संक्षिप्त बयान में कहा, "हां, मेरी बैठक हुई थी, और यह सकारात्मक थी. 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा 300 सीटें जीतेगी." भाजपा की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नेता पिछले कुछ महीनों और उससे पहले राज्य भर में कोविड राहत के लिए पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का आकलन कर रहे थे.

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की भाजपा टीम को यह आकलन करने का भी काम सौंपा गया था कि राज्य में हाल के पंचायत चुनावों में क्या गलत हुआ. अपने गढ़ में भाजपा के लिए बड़े नुकसान दिखाने वाले परिणाम पार्टी के लिए परेशानी का संकेत देते हैं क्योंकि राज्य में एक साल से भी कम समय में फिर से चुनाव होने हैं.

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