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इस तरह आए थे साधना गुप्ता के करीब शादीशुदा मुलायम सिंह, जानिए लव स्टोरी

त्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने दो शादियां की हैं। उनकी पहली पत्नी का नाम मालती देवी था। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मालती देवी के ही बेटे हैं। मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता (Mulayam Singh Second Wife) हैं। आइए जानें अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना कैसे आईं मुलायम सिंह के करीब।
साधना गुप्ता मूल रूप से यूपी के इटावा के बिधुना तहसील की रहनेवाली हैं। साल 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। शादी के बाद साधना ने बेटे प्रतीक जो जन्म दिया था।
प्रतीक यादव के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए। दोनों का तलाक हो गया। इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थीं। दरअसल साधना भी सपा की कार्यकर्ती थीं।
अखिलेश यादव की बायोग्राफी 'बदलाव की लहर' में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है। इस किताब में बताय़ा गया है कि मुलायम की मां मूर्ती देवी अक्सर बीमार रहती थीं। तब साधना गुप्ता मूर्ति देवी की देखभाल करती थीं।
किताब के अनुसार एक बार इलाज के दौरान एक नर्स मूर्ति देवी को गलत इंजेक्शन लगाने जा रही थी। उस समय वहां मौजूद साधना ने नर्स को रोक दिया। मुलायम सिंह यादव को ये बात पता चली तो वह साधना से काफी प्रभावित हुए। यही से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई थी।
साल 2003 में अखिलेश की मां औऱ मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद ही मुलायम सिंह ने सार्वजनिक तौर पर साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो साधना गुप्ता के कारण अखिलेश यादव अपने पिता से काफी नाराज भी हुए थे।
फिलहाल साधना गुप्ता राजनीति में नहीं हैं। उनके बेटे प्रतीक भी राजनीति से दूर ही हैं। हां, साधना गुप्ता की बहू औऱ प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं।
अखिलेश यादव के उनकी सौतेली मां और भाई से बहुत अच्छे संबंध नहीं हैं। सार्वजनिक तौर पर सपा प्रमुख शायद ही कभी अपने पिता के इस दूसरे परिवार के साथ नजर आए हों।




