लखनऊ

एक ही दिन पैदा हुआ शिक्षा मित्र, बदल गया प्रदेश तो बदल गई तकदीर, उत्तराखंड और यूपी में इतना अंतर क्यों?

Shiv Kumar Mishra
7 May 2023 7:44 AM GMT
एक ही दिन पैदा हुआ शिक्षा मित्र, बदल गया प्रदेश तो बदल गई तकदीर, उत्तराखंड और यूपी में इतना अंतर क्यों?
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उत्तराखंड में शिक्षा मित्र का मानदेय 20000 हजार मिलता है।

बात सन 1999 की है जब सूबे के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे तभी यूपी में शिक्षा मित्र के नाम पर यूपी में प्राथमिक शिक्षा में भर्ती किया गया। उस समय गाँव का सबसे ज्यादा होशियार व्यक्ति को शिक्षा मित्र के पद पर चयन की बात कही गई थी।

उस समय उत्तराखंड भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा था और साल के अंत में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में रामप्रकाश गुप्ता मिले। उसी दौरान राज्य विभाजन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी जिसको अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2002 में लागू कर दिया और यूपी को दो भागों में बंट गया। जिससे उस समय उत्तरखंड के हिस्से में आई 25 विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य ज्यादा थे लिहाजा मुख्यमंत्री के रूप में नारायण दत्त तिवारी का चयन किया गया।

उसी समय चयनित किये गए शिक्षा मित्र को उत्तराखंड में भी अब बीस बर्ष पूरे हो चुके है। उन्हे अब 20000 हजार रुपये वेतन मिलता है जबकि इसके पहले भी उनको 15000 हजार रुपये मिलते थे। अभी 2022 में धामी सरकार ने 5000 हजार बढ़ाकर 20000 हजार रुपये कर दिया जबकि यूपी में आज भी 10000 हजार में काम करने के लिए शिक्षा मित्र मजबूर है।

उत्तराखंड प्रदेश की धामी सरकार ने शिक्षा मित्रों को तोहफा दिया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि की गई है। उन्हें 20 हजार रुपये मानदेय मिलेगा।

अब यहाँ एक बड़ी बात यह है कि इस वेतन बृद्धि के पीछे सरकार के एक अधिकारी की मंशा थी। तो यूपी के अधिकारी यह हौसला क्यों नहीं रखते है। जिस तरह से प्रारंभिक शिक्षा अपर सचिव दीप्ति सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया। सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा था। शिक्षा मित्र लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में 18 दिसंबर, 2021 को शासन को पत्र भेजा था। इसमें मानदेय को बढ़ाने की पैरवी की गई थी। और सरकार ने 2022 में जनवरी में इस पर निर्णय ले लिया।

अब इसके वावजूद भी एक दिन भर्ती और एक ही पद पर काम करने वाले शिक्षा मित्रों के साथ एक पार्टी की सरकारों द्वारा दोहरा मानदंड क्यों अपनाया जा रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध है कि शिक्षा मित्रों की समस्या को देखते हुए जल्द से जल्द इनको नियमित करने का काम करें।

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