लखनऊ

निलंबित एसएसपी प्रयागराज अभिषेक दीक्षित की जांच में कई चेहरे होंगे बेनकाब

Shiv Kumar Mishra
15 Sep 2020 6:32 AM GMT
निलंबित एसएसपी प्रयागराज अभिषेक दीक्षित की जांच में कई चेहरे होंगे बेनकाब
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पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित की संपत्तियों की विजिलेंस जांच के साथ ही उनकी अनियमितताओं में लिप्त पुलिसकर्मियों की जांच के आदेश के बाद महकमे में हड़कंप की स्थिति है। माना यह भी जा रहा है कि निष्पक्ष जांच हुई तो भ्रष्टाचार के इस खेल में कई अन्य चेहरे भी बेनकाब होंगे जिसमें इंस्पेक्टरों से लेकर सिपाही स्तर के पुलिसकर्मी शामिल हैं।

पूर्व एसएसपी पर जिन आरोपों में कार्रवाई की गई, उनमें अन्य अनियमितताओं के साथ भ्रष्टाचार भी शामिल है। आरोप है कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में न सिर्फ नियमों का उल्लंघन हुआ, बल्कि बड़े पैमाने पर वसूली भी हुई। पूर्व एसएसपी की संपत्तियों की विजिलेंस जांच के साथ ही उनकी अनियमितता में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच के आदेश दिए जाने के बाद से जिला पुलिस में भी हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल पूर्व एसएसपी के कार्यकाल में थानों व चौकियों पर प्रभारियों की तैनाती के संबंध में जारी सूची शुरू से ही सवालों के घेरे में रही।

कई थाना प्रभारी भी होंगे रडार पर

पूर्व एसएसपी के कार्यकाल में थानों पर बतौर प्रभारी तैनात हुए कई इंस्पेक्टर भी जांच टीम के रडार पर होंगे। दरअसल यह वह इंस्पेक्टर हैं जो पूर्व में अनियमितताओं के आरोप में ही हटाए गए। यमुनापार के एक थाना प्रभारी को तो अनियमितता में ही जोन स्तर से गैरजनपद भेजा गया था। उनके कार्यकाल में हुई एक मुठभेड़ भी बेहद चर्चित रही थी जिसमें गिरफ्तार बदमाश से बिना ट्रिगर का तमंचा बरामद किया गया था। इसी तरह गंगापार में तैनात एक थाना प्रभारी उच्चाधिकारियों को गुमराह करने में हटाए गए थे। एक प्रभारी तो थाने में होमगार्डों के घूस लेने के मामले में निलंबित किए गए थे। इसी तरह ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में शहर में तैनात एक थाना प्रभारी की संलिप्तता की भी काफी चर्चा रही।

दरोगा, कारखास भी होंगे जांच के दायरे में

पूर्व एसएसपी के कार्यकाल में कई मलाईदार चौकियों पर तैनात दरोगा भी जांच के दायरे में होंगे। इसके साथ ही उन दागी दरोगाओं से भी पूछताछ हो सकती है जो पूर्व में सजा के तौर पर हटाए जाने के बाद भी मलाईदार जगहों पर तैनात हुए। किसानों की सब्जी सरकारी जीप तले रौंदने वाला दरोगा भी इनमें शामिल है। इसी तरह थानों में कारखासी करने वाले कई सिपाही-दीवान से भी जांच टीम पूछताछ कर सकती है। इनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंनेे हाल ही में लाइन हाजिर किए जाने के बाद भी थानों से रवानगी नहीं कराई। कीडगंज थाने में लंबे समय तक कारखासी करने वाले एक दीवान के भी ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल में शामिल होने की चर्चाएं आम रहीं।

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