लखनऊ

धारा बढ़ाने के नाम पर दरोगा मांग रहा था घूस, 5 हज़ार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा

Shiv Kumar Mishra
15 Jun 2022 6:35 PM GMT
धारा बढ़ाने के नाम पर दरोगा मांग रहा था घूस, 5 हज़ार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर पकड़ा
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लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस में तैनात एक दरोगा को मुकदमा वादी से घूस मांगना महंगा पड़ गया | बुधवार दोपहर चिनहट कोतवाली में तैनात दरोगा प्रदीप यादव को एंटी करप्शन की टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार हो गया | चिनहट थाने में बुधवार को एंटी करप्शन की टीम ने वर्दीधारी प्रदीप कुमार यादव को उस वक्त गिरफ्तार किया जब उसने मुकदमा लिखाने वाले वादी मनोज कुमार मिश्रा से 5 हज़ार की रकम मांगी उसी के बाद घात लगाए बैठी एंटी करप्शन जी टीम ने प्रदीप यादव को थाने के अंदर से गिरफ्तार कर लिया और वर्दीधारी दरोगा को थाने के बहार पकड़ कर ले आये और 6 किलोमीटर दूर गाज़ीपुर थाने में उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाई की जा रही है|

एंटी करप्शन के अधिकारी ने बताया चिनहट के गंगा विहार निवासी मनोज कुमार मिश्रा ने अपने भाई से मारपीट के मामले में 7 मई को एफआईआर दर्ज कराई जिसमे धारा 323,504 व 506 के तहत मोनू मिश्रा एके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और उसी में कार्यवाई को लेकर आगे धारा 307 बढ़ाने की बात को लेकर कई दिनों से 5 हज़ार रुपये की मांग कर रहा था और इसी बात के शिकायत को लेकर पीड़ित ने दरोगा द्वारा घूस मांगने की शिकायत को लेकर दरोगा के खिलाफ जाल बिछाया और फिर उसे रंगे हाथ 5 हज़ार की बुधवार को घूस लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया |

7 मई को पीड़ित मनोज कुमार मिश्रा का विवाद अपने भाई मोनू मिश्रा से हो गया था कर विवाद के दौरान ही मोनू ने मनोज के सर पर किसी चीज़ से लेकर वार कर दिया जिसमे मनोज का सर फैट गया था और वो लहूलुहान हो गया था उस दौरान विवाद के बाद शिकायत पर मोनू मिश्रा को थाने बैठा दिया गया और कार्यवाई का आश्वासन दिया लेकिन पीड़ित का आरोप है की मोनू को पैसे लेने के बाद ठाणे से बिना कार्यवाई के छोड़ दिया और फिर गिरफ़्तारी वाली धारा न होने का हवाला देते हुए उसे छोड़ने की बात कही लेकिन पीड़ित ने इस बात को कहा की धारा 307 तो पुलिस को अपनी कार्यवाई में बढाबनि चाहिए क्युकी सर पर किसी धारधार हथियार से वार हुआ है ऐसे में उसकी मौत भी हो सकती थी लेकिन पुलिस ने उसके एवज में भी उससे कार्यवाई के नाम पर पैसे मांगे |

पीड़ित मनोज मिश्रा ने बताया की मारपीट और मुकदमे के बाद पीड़ित का पुलिस के साथ जाकर अस्पताल में मेडिकल भी हुआ था और दरोगा बार-बार ये कहता था की उसे मेडिकल चाहिए तभी वो कुछ करने में सक्षम होगा लेकिन पीड़ित ने स्वास्थ्य विभाग से मेडकल होने की बात उससे कही की वो मेडिकल सिर्फ पुलिस वालो को ही मिलता है वो कहा से अपना मेडिकल ला सकता है उसी के बाद से ही प्रदीप ने कहा की 5 हज़ार दो तो भाई को जेल भेज देंगे |

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