लखनऊ

अनुदेशकों के 17000 हजार के डबल बैंच के आदेश खिलाफ सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

Shiv Kumar Mishra
7 April 2023 5:14 AM GMT
अनुदेशकों के 17000 हजार के डबल बैंच के आदेश खिलाफ सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट
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अनुदेशक जब सुप्रीमकोर्ट पहुँचा तब मिली यह जनकारी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के अनुदेशक के 17000 हजार के डबल बैंच चीफ जस्टिस राजेश विंदल और जस्टिस जे जे मुनीर के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एस एल पी दाखिल की है। यह जानकारी भी अनुदेशकों को तब मिली जब अनुदेशकों ने अपनी याचिका कोर्ट का आदेश न मानने के खिलाफ 5 अप्रैल को दाखिल की।

अनुदेशकों का आदेश 1 दिसंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ हाईकोर्ट की संयुक्त बैंच की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और चीफ जस्टिस जे जे मुनीर की डबल बैंच ने 17000 हजार रुपये का मानदेय एक साल का देने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई है। सरकार ने बीते 29 मार्च को एस एसएलपी दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर 2017-2018 के मानदेय भुगतान पर दिए गए हाईकोर्ट डबल बेन्च के निर्णय को चुनौती दी गई है। मामले को सरकार 29 मार्च को ही दाखिल कर चुकी है अब जबकि अनुदेशकों की तरफ से अपील 5 अप्रैल को दाखिल होने पर ये मामला प्रकाश में आ सका है!

अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट इसलिए गए है कि सरकार जब से कोर्ट ने आदेश जारी किया है तब से लेकर अब तक और आगे भी हमारा वेतन 17000 हजार रुपये दे। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जबकि इस आदेश के आगे कैबिएट पहले ही दाखिल कर चुके है।

उधर अनुदेशक भी लगातार इस केस को लेकर बेहद सक्रिय नजर आ रहे थे, हालांकि कुछ अनुदेशक कोर्ट जाने के खिलाफ भी थे उन्हे समझाया जा रहा था कि सरकार आदेश को मानने वाली है। इस आदेश में सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार मान लेती है तो आने वाले समय में सरकार को हमेशा के लिए ये वेतनमान मानना पड़ेगा। नहीं तो अनुदेशक इस आदेश को लेकर कोर्ट फिर चले जाएंगे जहां कोर्ट उनके पक्ष में ही फैसला देगा। यही टेक्निकल पॉइंट फंसा हुआ है इसीलिए सरकार आनाकानी करती नजर आअ रही है।

इस कोर्ट जाने के मुद्दे पर अनुदेशकों में कई फाड़ होते भी नजर आए लेकिन कोर्ट में अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह के माध्यम से कैबिएट दाखिल कर दी थी कि अगर इस मामले में सरकार कोर्ट आए तो हमारा पक्ष भी सुना जाए। इसी के तहत यह जानकारी भी पता चली।

जब अनुदेशक कोर्ट जाने में दिक्कत महसूस कर रहा था तभी अनुदेशकों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को लेकर याचिका दाखिल की गई कि आखिर सरकार इस आदेश की अवहेलना क्यों कर रही है। अब देखना यह होगा कि यह केस किस बैंच की सुनवाई में जाएगा लेकिन कुछ भी अनुदेशक भी अब जागरूक हो चुका है और अपना हक पाने के लिए तत्पर दिख रहा है।

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