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गरीबों को मिलने वाले राशन और छत से वंचित मां-बच्चे अपनी व्यथा पूर्व सीएम को बताते हुए फूट-फूटकर रो पड़े
शिव कुमार मिश्र
3 Aug 2018 9:03 PM IST

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज जहां बुद्धिजीवियों, शिक्षकों तथा अधिवक्ताओं ने भेंट की, वही सैकड़ों की संख्या में आम नागरिको ने भी भेंटकर अपने ऊपर भाजपा राज में हो रही ज्यादतियों की शिकायतंे की। मल्लापुर गोंडा की श्रीमती कमलेश अपने तीन बच्चों के साथ मिली जो गरीबी के कारण भूख से पीड़ित थे। बच्चे कुपोषण के शिकार थे। सभी बीमार थे। गरीबी की मार उनके चेहरों पर दिखाई दे रही थी। गरीबों को मिलने वाले राशन और छत से वंचित मां-बच्चे अपनी व्यथा बताते हुए फूट-फूटकर रो पड़े। अखिलेश यादव ने उनको सांत्वना दी और आश्वस्त किया कि सरकारी मदद मिले न मिले समाजवादी पार्टी उनकी मदद करेगी।
अखिलेश यादव ने इस अवसर पर कहा कि 16 महीनों में भाजपा सरकार ने प्रदेश को तबाह कर दिया है। समाजवादी सरकार के विकास कार्यो की अनदेखी करना और विपक्षी नेताओं को बदनाम करना भाजपा का प्रमुख एजंेडा है। भाजपा द्वारा लोकतंत्र की आवाज को दबाने की पुरजोर कोशिश है। प्रेस की आजादी को भी खतरा है। उन्होने कहा कि भाजपा की नफरत की राजनीति को रोकना और स्वतंत्रता के मूल्यांे को बचाना बहुत ही आवश्यक है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज समाज का हर वर्ग परेशान है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल है। बडे पैमाने पर गरीबों को बेघर किया जा रहा है। बरसात और बाढ़ से प्रभावित इलाकों में तो हालत बहुत दयनीय है। घरों, थानों, अस्पतालों मेें पानी भरा है। तबाही मची है लेकिन सरकार द्वारा राहत कार्यो की कोई व्यवस्था नहीं हैं। बांधों को खतरा उत्पन्न हो गया है। गोण्डा में एल्गिन ब्रिज के टूटने से सैकड़ों गांव जलमग्न हो गये है। इससे फसलें बर्बाद हो गयी है। किसानों की स्थिति बहुत खराब हो गयी है। इस संबंध में यादव ने ही संवेदनशीलता दिखाते हुए सभी समाजवादी कार्यकर्ताओ, पदाधिकारियों, विधायकों तथा सांसदो से बाढ़ राहत कार्यो में जुट जाने का आव्हान किया है। उन्होने कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों के बचाव के साथ उन तक खाना, पानी तथा अन्य सुविधाएं पहुंचाई जानी चाहिए। बाढ़ग्रस्त परिवारों के लिए शरण स्थल बनाए जाने चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा राज में जनजीवन संत्रस्त है। स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। सड़को का रखरखाव नहीं हो रहा है। गन्ना, आलू और मक्का के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल रहा है। केंद्र सरकार ने 8000 करोड़ रूपए गन्ना किसानों के बकाए की अदायगी में देने की घोषणा की थी,वह भी किसी किसान को नही मिला। किसानों, छात्रों, नौजवानों पर अत्याचार हो रहा है। अधिवक्ताओं पर पुलिस लाठी बरसा रही है। व्यापारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उनके अपरहरण, हत्या और लूट की घटनाए थमने का नाम नहीं ले रही है। उद्योगपति अपमानित हो रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है। छात्र युवाओं की समस्याओं के समाधान के बजाय झूठे मुकद््मों में जेल की यातपाएं दी जा रही है। रोजगार नहीं है, युवा पीढ़ी अंधकार में भटक रही है। वर्तमान में जिस तरह हालात भाजपा ने पैदा किए हैं उसमें सन्् 2019 में सन्् 1977 की पुनरावृृत्ति अवश्यंभावी है।
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