लखनऊ

बेरोजगारी बढ़ी, विकास दर घटी सरकार ने सदन में स्वीकार किया-दीपक सिंह

Special Coverage News
29 Aug 2018 8:44 PM IST
बेरोजगारी बढ़ी, विकास दर घटी सरकार ने सदन में स्वीकार किया-दीपक सिंह
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कॉग्रेस विधान परिषद् दल के नेता दीपक सिंह ने देश व प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा केन्द्र सरकार द्वारा प्रति वर्ष दो करोड़ व उत्तर प्रदेश सरकार गठन के उपरान्त 90 दिनों में समस्त रिक्त पदों पर भर्ती जैसे वायदों का क्या हुआ जैसे विषयों पर प्रश्न करते हुए प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सरकार से सवाल किया और पुछा बेरोजगारी से निपटने तथा शिक्षित नवयुवकों को रोजगार दिये जाने के लिये सरकार की क्या नीतियां, प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारों की संख्या में बृद्वि को लेकर सरकार क्या कर रही है आज जिस युवा शक्ति के दम पर हम विश्व भर में इतराते फिरते हैं। देश की वही युवा शक्ति एक अदद नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है। लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी के कारण सबसे अधिक आत्महत्याओं का कलंक भी हमारे देश व प्रदेश के माथे पर लगा हुआ है।

दीपक ने कहा की और प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन विभाग के मंत्री ने सदन में यह स्वीकार करना की उत्तर प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या में बृद्वि हुई है व अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन, भारत सरकार विभिन्न एजेंसियों के ताजा सर्वेक्षण और रपट इस ओर इशारा करते हैं कि देश में बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ा है। जिन युवाओं के दम पर हम भविष्य की मजबूत इमारत की आस लगाए बैठे हैं उसकी नींव की हालत निराशाजनक है और हमारी नीतियों के खोखलेपन को राष्ट्रीय पटल पर प्रदर्शित कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार हर रोज 550 नौकरियां कम हुई हैं और स्वरोजगार के मौके घटे हैं। जो आंकड़े आमने आए हैं, उनसे पता चलता है कि रोजगार के मुद्दे पर देश के हालात बहुत खराब हैं।

कॉग्रेस विधान परिषद् दल के नेता दीपक सिंह ने प्रदेश की विकास दर घटनें को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि एक ओर प्रदेश की सरकार विकास को लेकर बड़े-बड़े वायदे करती है तथा विकास दर गत वर्ष के सापेक्ष घटी है।

प्रदेश की सरकार विकास को लेकर बड़े-बड़े वायदे करती है मगर प्रदेश में विकास दर का आकलन अर्थ एवं संख्या प्रभाग के आकड़ो के अनुसार वर्ष 2017-18 में प्रदेश कि विकास दर 6.4 प्रतिशत है जो गत वर्ष के सापेक्ष में घटी हुई है यह बात मुख्यमंत्री द्वारा सदन में जबाब दिया गया है इससे स्पष्ट होता है कि सरकार द्वारा प्रदेश के विकास को लेकर किये जा रहे बड़े-बड़े वायदे व नीतीयां खोखले साबित हो रहे है।

केन्द्र व प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से आयी है किसान बुरी तरह से परेशान है व आत्महत्या करने पर मजबूर है। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब से आयी है किसान बुरी तरह से परेशान है व आत्महत्या करने पर मजबूर है। भाजपा की सरकार यूपी में बनने से पूर्व किसानों के हित पर किये गये भाजपा के वादों से अस्वस्थ होकर किसान भाजपा सरकार से काफी उम्मीदे लगायी थी परन्तु आज लगभग 16 महिने की प्रदेश सरकार ने किसानों के अरमानो पर पानी फेर दिया किसानों की आय दोगुनी करने वाली केन्द्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों की लागत भी किसानों को नहीं दिलवायी। आज किसान व उनका परिवार सरकार की गलत नितियों के कारण त्राही-त्राही कर रहे है। प्रदेश सरकार बनने के उपरान्त में सैकड़ो किसान आत्महत्या कर चुके है, खास तौर पर गन्ना किसान और अधिक परेशान हैं।


यूपी सरकार गलत नीतियों के कारण एक ओर गन्ना किसानों को उनकी उपज का मूल्य निर्धारण बहुत कम दरों पर किया गया, और दुसरी ओर आगामी पेराई सत्र आने को है परन्तु अभी तक यूपी के गन्ना किसानों का हजारो करोड़ रूपये चीनी मिल मालिकों और सरकारी चीनी मिलों पर बकाया है। जिसके कारण गन्ना किसान अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं पा रहा है और अपनी बेटियों की शादियॉ भी नही कर पा रहा है। सरकार का नारा है बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं। किसान की बेटियॉ न पढ़ पा रही है न बढ़ पा रही है। और किसानों की बेटियों की शादी गन्ना भुगतान न होने के कारण नही हो पा रही है। किसान व उसका परिवार इन्ही सभी कारणों से आत्महत्या करने को मजबूर है और सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है। किसान मरे या रहे सरकार को कोई सरोकार नही हैं। स्थित भयावह और बिस्फोटक है गन्ना किसान आन्दोलित है।

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