लखनऊ

अनुदेशक, शिक्षा मित्र से बिना वेतन ले रही है यूपी सरकार काम, कैसे होगी पढ़ाई?

Shiv Kumar Mishra
16 Jun 2022 5:55 AM GMT
अनुदेशक, शिक्षा मित्र से बिना वेतन ले रही है यूपी सरकार काम, कैसे होगी पढ़ाई?
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उत्तर प्रदेश सरकार ने आज से प्राथमिक उच्च प्राथमिक विधालय में पढ़ाई की प्रक्रिया शुरू करने की योजना बनाई है। इस योजना का सभी प्रदेश वासी स्वागत करते है ताकि योजना के मुताबिक बच्चों में संस्कार और गुणवत्ता परख शिक्षा का विकास होगा। लेकिन बिना मानदेय के ये सब संभव होगा?

बता दें कि उत्तर प्रदेश में गजब राजा गजब मंत्री और सचिवों के तो कहना क्या, यूपी में बिना वेतन के अनुदेशक़, शिक्षा मित्र और रसोइया से जबरन लेंगे काम। नहीं आओगे स्कूल तो दिखाएंगे अनुपस्थिति, लेकिन उस आदेश में दो शब्द वेतन को लेकर नहीं लिखेंगे। पता है कि प्रथम गुरु एक माह उपवास करता है, यानी जून माह में वेतन नहीं मिलता है।

अब अनुदेशक शिक्षा मित्र अपने काम को लेकर हैरान है वहीं सरकार के आदेश में मानदेय की स्तिथि साफ न होने से हड़कंप मचा हुआ है। क्योंकि ज्यादातर अनुदेशक पचास किलोमीटर से लेकर 100 किलोमीटर तक पढ़ाने जाते है। एसे में उनकी पेट्रोल किस जगह से आएगी। चूंकि इन सभी कर्मियों को जून में मानदेय नहीं मिलता है।

अनुदेशक , शिक्षा मित्रों का कहना है कि सरकार हमें मानदेय दे और हमसे पूरे जून माह में भी काम ले रोक कौन रहा है। हम पढ़ाने से पीछे नहीं हट रहे है। लेकिन हमारे पास भी तो खर्चे है। अभी तो हम मनरेगा , पुताई , रंगाई , राज मिस्त्री, मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रहे है। अगर हमें वेतन नहीं मिलेगा तो परिवार मेरे साथ साथ भूँख से मर जाएगा। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।

बता दें कि यूपी सरकार कस्तूरबा गांधी में शामिल अनुदेशकों को जून माह में 29 दिन का मानदेय मिलता है जबकि उसी पद पर भर्ती है और उनके समकक्ष है लेकिन मानदेय में सौतेला व्यवहार क्यों?

उधर शिक्षा मित्र को भी वेतन नहीं मिलता है। तो उन्हे भी स्कूल जाने में समस्या नजर या रही है।

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