लखनऊ

मदरसे में छात्रों से बर्बरता, पैरों में डाली बेड़ियां, जड़ा ताला

Sakshi
28 May 2022 10:05 AM GMT
मदरसे में छात्रों से बर्बरता, पैरों में डाली बेड़ियां, जड़ा ताला
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छात्रों ने मदरसा शिक्षकों पर बेंत से पीटने और पैर में जंजीर बांधकर रखने का आरोप लगाया है। मासूमों के साथ बर्बर व्यवहार किए जाने की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोसाईगंज सिल्वर स्थित सोफा सुफ्फामदीनतुल उलमा मदरसे में छात्रों के पैरों में बेड़ियां डाल कर रखा गया था। बीते शुक्रवार दो छात्र मदरसे से भागकर गांव पहुंच गए। ग्रामीणों ने बच्चों के पैर में जंजीर पड़ी उन्हें रोक लिया। छात्रों ने मदरसा शिक्षकों पर बेंत से पीटने और पैर में जंजीर बांधकर रखने का आरोप लगाया है। मासूमों के साथ बर्बर व्यवहार किए जाने की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। गोसाईगंज पुलिस का कहना है कि परिवार वालों ने मदरसे के खिलाफ कार्यवाही नहीं करने के बाद कहीं गई है। अगर कोई तहरीर मिलती है तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

गोसाईगंज रनियामऊ निवासी शेरा का बेटा शाहबाज गोसाईगंज स्थित मदरसे में पढ़ता है। दोनों बच्चे शुक्रवार को मदरसे से भाग आए थे। उनके पैरों में जंजीर बंधी हुई थी। जिसमें ताला भी डाला गया था। शाहबाज और राजू गांव के पास पहुंच कर रो रहे थे। उसी दौरान ग्रामीणों की नजर मासूमों पर पड़ी। पूछताछ किए जाने पर सुफ्फामदीनतुल उलमा मदरसे के शिक्षक को पर शाहबाज और राजू ने आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर गोसाईगंज शैलेंद्र गिरी के अनुसार शाहबाज के पिता शेरा को सूचना दी गई थी। जिसके बाद वह थाने आए थे। शेरा ने पुलिस को बताया कि शाहबाज पढ़ाई नहीं करता है। वह पहले भी दो बार मदरसे से भाग चुका है, इसलिए उन्होंने ही शिक्षकों को शाहबाज के साथ सख्ती बरतने के लिए कहा था। इंस्पेक्टर का कहना है कि शेरा ने मदरसा शिक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के बाद भी कही है। वहीं बाराबंकी निवासी राजू के पिता ने भी फोन पर मदरसे के खिलाफ कार्यवाही नहीं किए जाने की बात दोहराई है।

शाहबाज और राजू के हाथ और पैर में कई जगह बेंत से पीटे जाने के निशान थे। ग्रामीणों के सामने भी छात्रों ने मदरसा शिक्षकों पर आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पढ़ने के लिए दबाव डाला जाता है। पाठ याद नहीं करने पर शिक्षक पीटते हैं। इसी वजह से उनके शरीर पर यह निशान बने है। छात्रों की बात सुनकर ग्रामीण भी अवाक रह गए। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इस पूरे मामले की जानकारी दी।

शहबाज के पिता शेरा ने कहा है कि उनके परिवार में कोई भी शिक्षक नहीं है। वह इकलौते बेटे शाहबाज को पढ़ाना चाहते हैं, इसलिए मदरसे में दाखिला कराया था, लेकिन शहबाज उनकी बात नहीं सुनता है। रमजान के दौरान वह छुट्टी पर घर आया था। जिसके बाद मदरसा वापस नहीं जाना चाहता था। बेटे को उसकी मर्जी के खिलाफ दोबारा से मदरसे में भेजा गया था और शिक्षकों को सख्ती करनी के लिए कहा गया था।

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