लखनऊ

COVID-19 से जंग : योगी सरकार का बड़ा फैसला, सुनकर तबलीगी जमातियों में मची खलबली

Shiv Kumar Mishra
16 April 2020 4:53 PM GMT
COVID-19 से जंग : योगी सरकार का बड़ा फैसला, सुनकर तबलीगी जमातियों में मची खलबली
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लखनऊ. महामारी (Pandemic) कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर लापरवाही बरतने, संक्रमण को फैलाने व तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के लोगों को बिना सूचना पनाह देने वालों के खिलाफ योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में ऐसे सभी जमातियों को जिनके विरुद्ध FIR दर्ज हुई है, उन्हें अस्थाई जेल में रखने का आदेश दिया है.

गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बृहस्पतिवार को मीडिया को बताया कि मुकदमे की जद में आए तबलीगी जमात के लोगों को अस्थायी जेलों में रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा, 'तबलीगी जमात के एक-एक व्यक्ति का विवरण लेकर उनके विरुद्ध जहां भी मामले दर्ज हैं, वहां कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया गया है.' उन्होंने कहा 'जिन जमातियों पर मुकदमा दर्ज है, उन्हें अस्थायी जेल में रखने का निर्देश संबंधित जिलाधिकारियों को दिया जा चुका है.'

थानेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई के आदेश

गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज प्रकरण के बाद उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की धर-पकड़ व उनकी जांच पर मुस्तैदी से जुटी हुई है. स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में संक्रमित जमातियों और कथित रूप से उनके सम्पर्क में आने से संक्रमित हुए लोगों की संख्या बताने के लिए भी अलग कॉलम भी बनाया गया है. अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन (Lockdown) की समीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण को छुपाने वाले लोगों और ऐसे लोगों को पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ संबंधित थानेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

सामुदायिक रसोई में घुस आया था एक संदिग्ध

प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पाया कि कुछ जिलों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन नहीं किया गया. इस पर उन्होंने वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को चेतावनी दी है कि अगर लॉकडाउन का उल्लंघन हुआ तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. प्रमुख सचिव ने बताया कि लखनऊ के सदर क्षेत्र में कैंट बोर्ड द्वारा संचालित एक सामुदायिक रसोई में एक संदिग्ध व्यक्ति घुस गया था. उसके बाद जिला प्रशासन ने उस रसोई में मौजूद 32 लोगों, तीन पुलिस अफसरों और कैंट क्षेत्र में तैनात सभी 50 पुलिस अधिकारियों की जांच कराई है. फिलहाल इनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं पाया गया है. हालांकि यह निर्देश दिया गया है कि किसी भी सामुदायिक रसोई में बिना अनुमति के कोई संदिग्ध व्यक्ति न आने पाए.

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