लखनऊ

यूपी: योगी मंत्रिमंडल का जल्द हो सकता है विस्तार, दलित-पिछड़ों को प्रमुखता से मिलेगी जगह!

Arun Mishra
14 Nov 2020 10:40 AM GMT
यूपी: योगी मंत्रिमंडल का जल्द हो सकता है विस्तार, दलित-पिछड़ों को प्रमुखता से मिलेगी जगह!
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सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार (BJP Government) का इस विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी बार मंत्रिपरिषद का विस्तार हो रहा है.

लखनऊ : उपचुनाव (By Election) में मिली सफलता के बाद योगी सरकार (Yogi Government) की नजर अब आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) पर है. मंत्रीमण्डल के खाली पदों को भरने की चर्चा तेज हो गई है. कोरोना संकट के चलते दो मंत्रियों की हुई मौत के बाद खाली जगह को भरने की तैयारी है. इसके अलावा चार पद पहले से ही खाली चल रहे हैं, जिन्हें जल्द भरे जाने की सुगबुगाहट तेज हो गयी है.

सूत्रों की मानें तो भाजपा सरकार का इस विधानसभा चुनाव से पहले आखिरी बार मंत्रिपरिषद का विस्तार हो रहा है. इसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन की संभावना है. इसके अलावा कुछ नए चेहरों को सरकार में जगह मिल सकती है. मौजूदा मंत्रियों में से कुछ की विदाई भी हो सकती है.

अभी सात सीटों पर हुए विधानसभा चुनाव में 6 पर भाजपा ने विजय पायी है. 6 मंत्रियों की जगह खाली होंने के कारण विस्तार की प्रबल संभावना दिख रही है. इनमें चार की जगह पहले से खाली थी. जबकि दो जगहें चेतन चौहान और कमलरानी वरूण के निधन से रिक्त हो गयी है. कुछ नए चेहरों का भी समायोजन होना है.

दलित-पिछड़ों को प्रमुखता से मिलेगी जगह?

माना जा रहा है कि दलित और पिछड़े को प्रमुखता रूप से जगह दी जानी है. इससे पहले हुए विस्तार में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था. कई कि छुट्टी भी हुई थी. अभी कुल 54 मंत्री हैं, जिनमें 23 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री हैं. इनमें कुछ विवादों में आए हैं और कुछ उम्रदराज लोगों को दूसरी जिम्मेदारी में लगाए जाने की संभावना है. कुछ लोगों को संगठन में भेजा सकता है.

महिलाओं की संख्या भी बढ़ाई जाएगी!

कमलरानी वरूण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम हो गई है. अब इस संख्या को भी बढ़ाया जा सकता है. सूत्र बता रहे हैं कुछ मंत्रियों की कार्य शैली से मुख्यमंत्री नाराज हैं. उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. उनकी जगह कुछ नए विधायकों को जगह मिल सकती है, जिससे आने वाले समय में नए वोटरों को जोड़ा सके.

विधान परिषद, पंचायत चुनाव इसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार जातीय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन बनाने वाले ऊर्जावान चेहरों को तरजीह दे सकती है.

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