मेरठ

चमोली हादसे में मेरठ के 4 लोग लापता, परिजनों को एक कॉल का इंतजार

Shiv Kumar Mishra
9 Feb 2021 7:52 AM GMT
चमोली हादसे में मेरठ के 4 लोग लापता, परिजनों को एक कॉल का इंतजार
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उत्तराखण्ड राज्य के चमोली में आपदा के बाद से वहां तो तबाही का मंज़र है ही. यूपी के कई परिवारों में भी कोहराम मचा हुआ है. मेरठ के भी 4 लोग जलप्रलय के बाद से लापता हैं. उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है. मोबाइल की ओर टकटकी लगाए हुए इस इलाके के लोगों की कई रातें बीत गईं लेकिन वो फोन कॉल नहीं आई, जिसका इन्हें इंतज़ार है. परिजनों का कहना है कि एक बार बस उनके अपनों से बात हो जाए फिर चाहे तो वो एक हफ्ते बाद ही आएं. ये लोग रो-रोकर उत्तराखण्ड सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें उनके परिजनों के कुशलक्षेम के बारे में जानकारी दी जाए.

मेरठ ज़िला मुख्यालय से तकरीबन पन्द्रह किलोमीटर दूर खटकाना पुल के चार मज़दूर बीती चार फरवरी को उत्तराखण्ड के सरायसोटा में मज़दूरी करने गए थे. 7 फरवरी को आपदा आने के बाद परिजनों का इनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. सभी के मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं. अनहोनी का आशंका से परिजनों की सांसे थमी हुई हैं. परिजनों ने बताया कि उन्होंने जोशीमठ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया है लेकिन वहां से भी कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है.

मेरठ के रहने वाले 23 वर्ष के रोहित निवासी आजाद नगर खटकाना पुल थाना, मवाना रोड लालकुर्ती. आज़ादनगर के रहने वाले 24 साल के बालकराम. खटकाना पुल के ही रहने वाले 25 साल के प्रदीप और आज़ादनगर के रहने वाले 21 वर्ष के अतुल का कोई पता नहीं चल पा रहा है. इन सभी के परिजनों बस रह रहकर हेल्पलाइन नम्बर पर फोन करते हैं लेकिन यहां से उन्हें सिर्फ एक ही जवाब मिलता है जब जानकारी मिल जाएगी सूचित किया जाएगा. बेहद ही गरीब परिवारों से ताल्लुक रखने वाले ये चारों युवक बीते दिनों मोबाइल टावर का कार्य करने के लिए उत्तराखण्ड रवाना हुए थे.

मेरठ के कसेरूखेड़ा के रहने वाले सौरभ प्रजापति भी बीते दिनों यहां गए थे. लेकिन किसी वजह से वो वापस लौट आए थे. सौरभ ने बताया कि चमोली के सरायसोटा क्षेत्र में टावर लगाने का काम करने के लिए मेरठ के चार लोग गए थे. जबकि अमरोहा के रहने वाले चार लोग भी इसी कार्य के लिए रवाना हुए थे.

सौरभ के मुताबिक उनकी रविवार सुबह रोहित से बात हुई थी. उस वक्त वो सरायसोटा में साइट पर ही थे. उसके साथ बाकी लोग भी थे. उसके कुछ समय बाद ही जल-प्रलय की घटना सुनाई दी. बाद में जब उन्होंने रोहित से संपर्क करने की कोशिश की तो उसका नंबर बंद आ रहा है. रोहित के साथ मेरठ से गए सभी चार लोगों का फोन नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में परिजनों को न दिन चैन है न रात.

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