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BreakingNews :मेरठ का नाम अब पंडित गोडसे नगर? यूपी सरकार ने डीएम से मांगा जवाब
मेरठ:यूपी में मेरठ जिले का नाम बदलकर पंडित नाथूराम गोडसे नगर करने की मांग काफी समय से उठती रही है। इसी तरह से गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर का भी नाम बदलने के लिए कई प्रस्ताव सामने आए हैं। लगातार उठ रही मांग के निस्तारण के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग ने तीनों जिलों के जिलाधिकारियों से इस बारे में तत्काल जवाब मांगा है।
जिलाधिकारियों को राजस्व विभाग की तरफ से लिखे पत्र के अनुसार, प्रदेश सरकार के एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) में हापुड़ का नाम महंत अवैद्यनाथ नगर और गाजियाबाद का नाम महंत दिग्विजय नगर के रूप में बदलने का संदर्भ है।
हापुड़ प्रशासन ने अनुरोध ठुकराया
सूत्रों के मुताबिक, हापुड़ जिला प्रशासन ने सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ के नाम पर जिले का नाम बदलने का अनुरोध ठुकरा दिया है। हालांकि पत्र में यह उल्लेख नहीं है कि मुजफ्फरनगर के लिए किस नाम की मांग की गई है।
लंबित मांगों पर डीएम को रिमाइंडर
पिछले चार महीनों में से तीनों जिलाधिकारियों को इस बारे में तीन बार रिमांइडर भेजा जा चुका है। इसने जिला प्रशासन की चिंता भी बढ़ा दी है। राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें समय सीमा के भीतर इस मामले (लोगों या संगठनों द्वारा नाम बदलने की मांग) का निस्तारण करने की जरूरत है।
'इन मांगों का समय पर निपटारा जरूरी'
एक अधिकारी ने कहा, 'यदि हम समय सीमा के साथ इनका निपटारा नहीं करते हैं तो ये लंबित मुद्दे बने रहेंगे। बाद में सीएम द्वारा समीक्षा बैठकों के दौरान हमें इस पर स्पष्टीकण देना होगा। जब भी ऐसी कोई मांग या अनुरोध होता है तो सरकार उनकी टिप्पणी के लिए जिला प्रशासन से राय मांगती है। सरकार ऐतिहासिक तथ्यों और अन्य विचारों के आधार पर ही निर्णय लेती है।'
'किसने की मांग, कहना मुश्किल'
यूपी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 'जनसुनवाई' पोर्टल पर कई मांगें और अनुरोध मिलते हैं और इन्हें एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली के लिए भेजा जाता है। एक सूत्र ने कहा, 'यह कहना मुश्किल है कि किसने या किस संगठन ने यह मांग की है?' हालांकि मेरठ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा का दावा करने वाले संगठन ने 15 नवंबर को गोडसे के नाम पर मेरठ का नाम बदलने की मांग की थी। पर, संगठन के अध्यक्ष व्रतधर रामानुज जीयर स्वामी त्रिदंडीजी का कहना है कि उन्होंने कभी इस मुद्दे को नहीं उठाया।