मुज्जफरनगर

आदिल बना विवेक, नाजिया बनी नीतू और रुकसाना हुई बबिता, आखिर 150 साल बाद मुस्लिम परिवार ने क्यों अपनाया सनातन धर्म?

Shiv Kumar Mishra
9 Nov 2022 11:54 AM GMT
आदिल बना विवेक, नाजिया बनी नीतू और रुकसाना हुई बबिता, आखिर 150 साल बाद मुस्लिम परिवार ने क्यों अपनाया सनातन धर्म?
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इस परिवार के 9 सदस्य आश्रम आए और शुद्धि यज्ञ में अपने हाथों से घी सामग्री की आहुति दी और गंगाजल का आचरण कराया गया। इनको जनेऊ पहनाई गई हाथ में कलावा बांधा गया और तिलक लगाया गया।

मुजफ्फरनगर के बघरा आश्रम में सहारनपुर के एक परिवार के नौ लोगों ने 150 वर्ष बाद घर वापसी की। यह परिवार 150 साल पहले हिंदू था जो कि सैनी समाज से सम्बन्ध रखते थे, लेकिन दबाव में आकर मुस्लिम बन गए थे। लेकिन अब उन्होंने मुस्लिम धर्म त्यागने का फैसला लिया। जिसके बाद इस परिवार ने मुजफ्फरनगर के योग साधना यशवीर आश्रम में आकर पुन: अपने सनातन धर्म को स्वीकार किया।

आश्रम में हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार परिवार के सभी सदस्यों का गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद उनके गले में जनेऊ धारण कराकर गायत्री मंत्र के उच्चारण के साथ यज्ञ में आहुति डलवाकर इनकी घर वापसी कराई गई। अब स्वेच्छा से यह परिवार फिर से हिंदू बन गया है।

घर वापसी कराने वाले यशवीर महाराज ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि ये सभी लोग सैनी समाज के थे। जिन्होंने घर वापसी की है। इन लोगों के पूर्वज डेढ़ सौ वर्ष पहले इस्लाम धर्म में चले गए थे। उन्होंने कहा कि ये परिवार एक साल से हमारे संपर्क में था। आज इस परिवार के 9 सदस्य आश्रम आए और शुद्धि यज्ञ में अपने हाथों से घी सामग्री की आहुति दी और गंगाजल का आचरण कराया गया। इनको जनेऊ पहनाई गई हाथ में कलावा बांधा गया और तिलक लगाया गया।

हिन्दू रीति रिवाजों के अनुसार इनका शुद्धिकरण करने के बाद अब मोहम्मद आदिल, विवेक सैनी बन गया है, आलिया का नाम अनन्या, राबिया का नाम पल्लवी, नाजिया नीतू बनी है, वरीशा अब मनीषा बन गई है, गुलिस्ता का नाम रवीना, सानिया का नाम निशा, आक़िल अब रोहित और रुकसाना का नाम बबीता हो गया है।

ब्रह्मचारी यशवीर और उनके शिष्य मृगेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस आश्रम में लगातार लोगों की सनातन धर्म में घर वापसी कराई जा रही है। आश्रम में अब तक यशवीर जी द्वारा करीब 225 लोगों की घर वापसी कराई जा चुकी है।

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