नोएडा

नोएडा में मंत्री के पेट्रोल पंप पर मारपीट का मामला सीएम कार्यालय पहुंचा, डीजीपी ने दिए जांच के आदेश

Desk Editor Special Coverage
23 Dec 2022 9:31 AM GMT
नोएडा में मंत्री के पेट्रोल पंप पर मारपीट का मामला सीएम कार्यालय पहुंचा, डीजीपी ने दिए जांच के आदेश
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Noida Police News : नोएडा के थाना सेक्टर-39 क्षेत्र में बीते 10 दिसंबर को पेट्रोल पंप पर हुए झगड़े का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। यथार्थ अस्पताल और पेट्रोल पंप के कर्मचारियों के बीच हुए झगड़े की लपटें लखनऊ से घूमते हुए वापस नोएडा फिर आ पहुंची हैं। डीजीपी पुलिस कार्यालय से मामले में जांच के आदेश हुए हैं। डीसीपी सेंट्रल नोएडा रामबदन सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं। दोनो पक्ष अपने अपने राजनैतिक रसूख का इस्तेमाल करने में जुटे हैं। दोनों ही पक्षों के नुकसान के आसार कम महसूस हो रहे है।

क्या है पूरा मामला

10 दिसंबर को यथार्थ अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ इंचार्ज शेर अफगान सेक्टर-104 में इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप पर अपनी बलेनो कार में पेट्रोल भरवाने के लिए गए थे। पेट्रोल भरवाने के बाद पंप कर्मचारियों से रसीद की मांग की जाती है। प्रिंटिंग मशीन काम न करने के चलते पेट्रोल पंप कर्मचारी बिल बुक से रसीद देने के लिए कहते हैं। इसी बात को लेकर शेर अफगान और पेट्रोल पंप कर्मचारियों के बीच झड़प शुरू हो जाती है। आरोप है कि झड़प के दौरान शेर अफगान ने अस्पताल में कार्यरत बाउंसर्स को कॉल करके बुला लिया। जिसके बाद मौके पर तनावपूर्ण माहौल हो गया। इसी बीच पेट्रोल पंप कर्मियों ने थाना सेक्टर-39 पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनो पक्षों से तहरीर लेकर मुकदमा पंजीकृत कर लिया।

सेक्टर-104 में स्तिथ पेट्रोल पंप के मालिक उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री हैं। राज्यमंत्री केपी मालिक बागपत जिले की बड़ौत सीट से विधायक हैं। उन्होंने पुलिस पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है। शिकायत शासन स्तर पर की। डीजीपी कार्यालय से नोएडा आई जांच का जिम्मा सेंट्रल नोएडा डीसीपी रामबदन सिंह को सौंपा गया है। सूत्र बताते है कि मौके पर पहुंची पुलिस टीम के सदस्यों ने राज्यमंत्री के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने सीसीटीवी वीडियो इत्यादि साक्ष्य उपलब्ध करवाए। इसके बावजूद पेट्रोल पंप कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया था।

इस पूरे प्रकरण को लेकर अभी सब खामोश हैं। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है। दूसरी तरफ राज्यमंत्री केपीएस मलिक भी इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें डीसीपी सेंट्रल की जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।

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