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- नोएडा एसएसपी के वायरल...
नोएडा एसएसपी के वायरल वीडियो पर डीजीपी ने दिये जांच के आदेश, एसपी हापुड़ करेंगे जांच
नए साल के पहले दिन गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित वीडियो बुधवार को वायरल किये गये. इससे पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया. कथित वीडियो के वायरल होने के बाद देर शाम करीब साढ़े आठ बजे एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपने कैंप आवास पर पत्रकार वार्ता बुलाई, जिसमें उन्होंने कहा कि उनके नाम से तीन फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं, जिनमें पीछे से किसी लड़की की आवाज सुनाई दे रही है. यह वीडियो साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए वायरल किए गए हैं.
गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के वायरल वीडिया के मामले में डीजीपी ओपी सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की जांच हापुड़ के एसपी संजीव सुमन करेंगे. संजीव सुमन एसएसपी वैभव कृष्ण से 4 बैच जूनियर हैं. इस मामले का सुपर विजन मेरठ रेंज के एडीजी आलोक सिंह करेंगे. बता दें, वैभव कृष्ण ने वायरल वीडियो को फेक बताया था.
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ अति संवेदनशील प्रकरणों में प्रशासनिक रिपोर्ट एक माह पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई थी. जिसमें कुछ अधिकारियों, पत्रकारों, सफेदपोशों के नाम थे. इसके साथ हीकई बड़े भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों और दलाली व उगाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. उन्होंने बताया कि इस सबके बाद से ही वह बौखलाए हुए थे और संभवत: उन्होंने ही यह साजिश रची है. इस मामले में सेक्टर 20 थाने में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन 67 और 67 ई में मुकदमा दर्ज किया गया है.
इन आरोपियों द्वारा सिर्फ पुलिस में ही नहीं बल्कि अन्य विभागों में भी ट्रांसवर पोस्टिंग का खेल खेला जाता था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वह प्रशासन, स्वास्थ्य, नगर निगम आदि विभागों में भी तबादला कराने का ठेका ले रहे थे. इसके साथ ही वह विभिन्न विभागों में ठेकों के खेल से भी जुड़े थे और वह प्रदेश सरकार के अनेक कद्दावर लोगों से जुड़े थे.
एसएसपी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने आईजी मेरठ जोन को रिपोर्ट भेजकर उनसे अनुरोध किया है कि वह इस मामले की विवेचना अन्यत्र किसी जनपद से निष्पक्ष रूप से करायें, ताकि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके. एसएसपी द्वारा कुछ बड़े मामलों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय भेजी गई थी और उनकी विवेचना चल रही थी. इस विवेचना के दौरान ही इस कथित वीडियो के वायरल होने को गंभीर माना जा रहा है. यह वीडियो कहां से आया और कहां से फॉरवर्ड किया गया, इसकी जांच में पुलिस टीमें जुट गई हैं.