नोएडा

नये साल के जश्न में सर्दी को न करें नजरअंदाज : डा.अमित

Shiv Kumar Mishra
30 Dec 2022 6:35 PM GMT
नये साल के जश्न में सर्दी को न करें नजरअंदाज : डा.अमित
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तापमान में कमी और सर्द हवा चलने के कारण हाइपोथर्मिया और कोल्ड स्ट्रोक, बच्चों में कोल्ड डायरिया, निमोनिया, सांस संबंधी तकलीफ आदि की आशंका बढ़ जाती है।

धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। सभी लोग नये साल का जश्न मनाने की तैयारी में हैं और मौसम में सर्दी चरम पर है। दिन में बेशक सर्दी से थोड़ी राहत है, लेकिन रात में सर्द हवा कहर ढाह रही है। इस समय कोविड से भी बचाव करना जरूरी है। ऐसे में सभी लोगों को सर्दी और कोविड से बचाव के लिए पूरे एहतियात बरतनें चाहिए, इस मौसम में लापरवाही नुकसान दायक हो सकती हैं। यह बात डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट एवं उप जिला सर्विलांस अधिकारी डा. अमित कुमार ने कही।डा. अमित का कहना है यह समय बहुत ही सावधान रहने का है। अगर सावधानी नहीं बरती तो सर्दी लगने का खतरा हो सकता है। तापमान में कमी और सर्द हवा चलने के कारण हाइपोथर्मिया और कोल्ड स्ट्रोक, बच्चों में कोल्ड डायरिया, निमोनिया, सांस संबंधी तकलीफ आदि की आशंका बढ़ जाती है। ठंड के मौसम में दवा से ज्यादा सतर्कता बरतने से कारगर बचाव हो सकता है। ठंड में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने के साथ-साथ उन्हें गर्म कपड़े में पूरी तरह लपेट कर रखना चाहिए। साथ ही सुपाच्य व ताजा भोजन देना चाहिए। बच्चों को यदि कोल्ड डायरिया हो जाएं तो उन्हें नमक चीनी व पानी का घोल लगातार देना चाहिए। जल्द ही प्राथमिक स्वास्थ्य़ केंद्र या स्थानीय चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

बुजुर्गों का रखे खास ख्याल

डा. अमित का कहना है-ठंड में बुजुर्ग भी काफी प्रभावित होते है। जरा सी लापरवाही बुजुर्गो के लिए खतरनाक हो सकती है। ठंड के मौसम में बुजुर्गो में कोल्ड स्ट्रोक, रक्तचाप का बढ़ना, हृद्याघात, सांस संबंधी तकलीफ, कोल्ड डायरिया आदि की संभावना ज्यादा रहती है। वहीं मधुमेह रोगियों के हाथ-पांव में सूजन की समस्या आ सकती है। उन्होंने कहा जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा के संपर्क में आने से बचें। यात्रा भी कम से कम करें। लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से त्वचा पीली, सख्त और सुन्न हो सकती है। शरीर के अंग जैसे हाथ की उंगलियां, पैर की उंगलियां, नाक और कान की लोब में देर तक सुन्नपन रहे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

कंपकंपी को नज़रअंदाज़ न करें

पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है- कंपकंपी को नज़रअंदाज़ न करें। यह एक महत्वपूर्ण पहला संकेत है कि शरीर गर्मी खो रहा है। शरीर के तापमान में कमी जिसके कारण कंपकंपी, बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों में अकड़न, सांस भारी हो सकती है। कमजोरी या चेतना कम होना भी हाइपोथर्मिया का लक्षण है। हाइपोथर्मिया एक मेडिकल इमरजेंसी है इसलिए तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।

हाइपोथर्मिया होने पर

• व्यक्ति को गर्म स्थान पर लिटाएं और कपड़े बदलें।

• व्यक्ति के शरीर को त्वचा से त्वचा के संपर्क, कंबल, कपड़े, तौलिये या चादर की सूखी परतों से गर्म करें।

• शरीर का तापमान बढ़ाने में मदद के लिए गर्म पेय दें। ऐसे मामले में शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।

• स्थिति बिगड़ने पर चिकित्सीय सहायता लें।

कुछ जरूरी बातें

• लंबे समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें,

• शराब का सेवन न करें। यह शरीर के तापमान को कम करती है, यह वास्तव में रक्त वाहिकाओं को संकुचित करती है, विशेष रूप से हाथों में, जो हाइपोथर्मिया के जोखिम को बढ़ा सकता है।

• शीतदंश वाले स्थान की मालिश न करें। इससे और नुकसान हो सकता है।

• प्रभावित व्यक्ति को तब तक कोई तरल पदार्थ न दें जब तक कि वह पूरी तरह सतर्क न हो जाए।

कोविड प्रोटोकाल का पालन करें

डा. अमित ने कहा- इस समय कोविड का भी खतरा है इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन जरूर करें। भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। दो गज की दूरी का पालन करें और सबसे महत्वपूर्ण है मास्क लगाना कतई न भूलें।

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