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- नोएडा में राशन की...

धीरेन्द्र अवाना
नोएडा। नोएडा शहर की गिनती हाइटेक शहरों में की जाती है व प्रदेश सरकार द्वारा हर तरह की सुविधा उपलब्ध कराने का दावा किया जाता है पर हकीकत इससे कोसों दूर है यहा आम आदमी को रोज छोटी छोटी योजनाओं को प्राप्त करने के तिल तिल मरना पड़ता है। प्रदेश सरकार एक तरफ"सबका साथ सबका विकास" का नारा लगाती नजर आती है वही दूसरी ओर प्रदेश की जनता को सरकारी राशन तक नसीब नही हो पाता है।प्रशासन की लाख सख्ती के बाद भी गरीबों के लिए आने वाले सरकारी राशन की कालाबाजरी जमकर हो रही है ये तब है जब सरकार ने कालाबाजरी रोकने के लिए कई जिलो में ई-पाँस मशीन लगवा रखी है इन्ही के माध्यम से राशन का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा गोदाम से राशन निकलने से पहले उन पर एक कोड अंकित किया जा रहा है। जो सिर्फ विभागीय अधिकारियों को मालूम रहता है, लेकिन इसके बाद भी बाजार में सरकारी राशन की खरीद फरोख्त की जा रही है।
अब ई-पाँस मशीन में भी सैंधमारी कर फर्जी तरीके से राशन निकाल लेना का बड़ा मामला सामने आया है।कालाबाजरी करने वाले ई-पाँस मशीन के साँफ्वेयर को हैक करके एक ही राशन कार्ड से हजारों बार राशन लेते है अब शासन के निदेश पर संबाधित जिलों में जाँच शुरू करवा दी है।उन आधार नंबरो के मूल पतों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है जिनका इस्तेमाल कर ई-पाँस मशीन से राशन निकाला गया।अभी तक की जाच में पूरा मामला फर्जी नजर आ रहा है जिसमें अवैध तरीके से आधार कार्ड तैयार करके साफ्वेयर में सेंधमारी करके राशन की चोरी की है जिसमें राशन डीलरों ने प्रति कार्ड के हिसाब से नकद धनराशि का भुगतान किया।सूत्रों की माने तो विभाग भी इससे अनभिग नही था।ये तब है जब विभाग के अधिकारी सब कुछ आनलाईन होने का दावा करते है और किसी भी प्रकार की कालाबाजरी से इंकार करते है।मामला ये है कि नोएडा में सरकारी राशन की कालाबाजरी अपनी चरम सीमा पर है।कार्ड धारकों के कई बार शिकायत करने पर भी विभाग की सिर पर जू तक नही रेंगती है।
पिछ्ले कुछ महीनों में सिर्फ सात-आठ राशन डीलरों के खिलाफ कारवाई शासन के आदेश पर हुयी।जिनमें से एक सत्तापक्ष का नेता भी था लेकिन वरिष्ट नेताओं की शरण में जाने के बाद उसका मामला रफा दफा कर दिया गया था।अब राशन घोटाला होने के बाद नोएडा के तीन सत्तापक्ष के नेताओं का नाम आ रहा है जो स्वय राशन डीलर भी है। इन राशन डीलरों ने गले में हडडी को फसता देख वरिष्ट नेताओं की शरण ले ली है।राशन घोटाला शासन की नजर में आने के बाद शासन ने कई जिलों में जाँच के आदेश दे दिये है।खबसे पहले इसकी गाज गिरी गाजियाबाद में वहा करीब 105 राशन डीलरों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुयी है।अब देखना है कि नोएडा में कितने राशन डीलर इस छोटाले में फँसते है।