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नोएडा: बरौला में निर्माणाधीन पिलर का जाल गिरा, दो मजदूर बाल-बाल बचे

Shiv Kumar Mishra
20 Feb 2021 10:42 AM GMT
नोएडा: बरौला में निर्माणाधीन पिलर का जाल गिरा, दो मजदूर बाल-बाल बचे
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(1)नोएडा प्राधिकरण के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्टों में एक भंगेल-बरौला इलिवेटेड रोड़

(2)इस प्रोजेक्टों पर अब 668 करोड रुपये खर्च

(3)समय से पहले प्रोजेक्ट को पूरा करना बना हादसे का कारण

(धीरेन्द्र अवाना)

नोएडा।नोएडा में स्थित बरौला व भंगेल गांव की मैन रोड़ पर काफी भीड़ भाड़ होने के कारण नोएडा वासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।जिसकी वजह से काफी समय तक जाम से भी जूझना भी पड़ता था।समस्या को देखते हुये व नोएडा वासियों की लंबे समय से एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग विचार करते हुये नोएडा प्राधिकरण द्वारा यहा पर एक एलिवेटेड रोड को हरी झंडी दी।

आपको बता दे कि दोपहर के समय नोएडा के बरौला गांव में निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड के एक पिलर का जाल अचानक गिर गया।जिसमें काम कर रहे दो मजदूर बाल-बाल बचे।बताते चले कि नोएडा में बन रहे एलिवेटिड रोड के निर्माण के दौरान पिलर बनाने का काम चल रहा था।उसी दौरान एक पिलर का लोहे का जाल पूरा का पूरा भर-भराकर जमीन में जा गिरा।उस समय कुछ मजदूर भी वहां काम कर रहे थे,लेकिन गनीमत रही कि काम कर रहे मजदूरों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन साइड पर अफरातफरी मच गई।

मामले की गंभीरता को देखते हुये ठेकेदार ने आनन फानन में क्रेन और दूसरे साधनों से जाल के पिलर को सीधा किया। जिसके बाद इसका निर्माण शुरू किया गया है। उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉर्पोरेशन द्वारा बनाने का काम किया जा रहा है, जिसकी समय सीमा दिसंबर, 2022 रखी गई थी, पर काम में तेजी आने के बाद इसे एक साल पहले दिसंबर, 2021 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया।सवाल ये उठता है कि कहीं जल्दीबाजी के चक्कर में इसकी गुणवत्ता प्रभावित तो नहीं हो रही।

बता दें कि, भंगेल-बरौला एलिवेटेड रोड नोएडा प्राधिकरण के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है।इसके निर्माण पर करीब 668 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं. कुछ वक्त पहले नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा इस रोड का निर्माण निर्धारित समय से एक साल पहले तक पूरा कर लिया जाएग।पहले इसे दिसंबर 2022 तक बनाने की डेडलाइन रखी गई थी।

सूत्रों की माने तो पिलर के जाल का साइज काफी ऊंचा होने के कारण यह हादसा हुआ है।इसकी पिलर की ऊंचाई 20.25 थी और यह सिंगल लोहे के सरिया की कास्ट पर था, वरना पिलर को डबल कास्ट पर रखा जाना चाहिए। नोएड़ा प्राधिकरण की तरफ से कंसलटेंट PMC के कहने पर ही इसको सिंगल लोहे के सरिया पर बनाया गया था।

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